चण्डीगढ़, 6 अगस्त- हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि दिव्यांग व्यक्ति न केवल समाज का महत्वपूर्ण अंग है बल्कि वह देश व समाज के विभिन्न कार्यों में भी अपनी भूमिका निभा सकता है।
राज्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों को भी समाज में आम लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए क्योंकि उनके भीतर भी अपने माता-पिता, समाज व देश का नाम रोशन करने का सपना होता है। दिव्यांगजन पेंशन योजना का उद्देश्य ऐसे दिव्यांग व्यक्ति जो अपने साधनों से आजीविका कमाने में असमर्थ हो, को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है और इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाती हैं। इस योजन के लिए वर्ष 2020-21 में 440 करोड़ रूपये का बजट रखा गया है जिसमें से 155.59 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को 2250 रूपये मासिक दर से पैंशन प्रदान कर उनको मान-सम्मान दे रही है। इस योजना के तहत अभी तक 1 लाख 74 हजार 564 लाभार्थियों को लाभ दिया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में आज पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को जन कल्याणकारी योजनाओं का पूर्ण लाभ मिल रहा है। दिव्यांगजनों को उनके अधिकारों के प्रति और अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे सामान्य लोगों की तरह विकास की मुख्यधारा से जुडक़र समाज के निर्माण में सशक्त भूमिका निभाएं। प्रदेश की बेटी दीपा मलिक सहित अन्य खिलाडिय़ों ने पैरा-ओलम्पिक खेलों में मेडल जीतकर न केवल देश व प्रदेश का नाम रोशन किया बल्कि वे दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बने। मेडल जीतने वाले खिलाडिय़ों को प्रदेश की खेल नीति के तहत सम्मानित भी किया जाता है।
उन्होंने कहा कि राजकीय दिव्यांग विद्यालय पानीपत में, दिव्यांग लडक़े एवं लड़कियों के लिए एक आवासीय विद्यालय चलाया जा रहा है, जहां पर 6 से 18 वर्ष की आयु के दिव्यांग छात्र व छात्राओं को 12वीं कक्षा तक शिक्षण व प्रशिक्षण के साथ-साथ किताबें, खान-पान, आवासीय सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाती हंै। उन्होंने बताया कि पानीपत में प्रौढ़ नेत्रहीनों के लिए एक प्रशिक्षण केन्द्र भी चलाया जा रहा है जिसमें 18 वर्ष से 45 वर्ष तक आयु वर्ग के नेत्रहीनों को कुर्सी बुनना, मोमबती बनाना व संगीत इत्यादि में तीन वर्ष का व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस विद्यालय के लिए 328.92 लाख रूपये का बजट में से 98.22 लाख रूपये की राशि खर्च की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि दिव्यांग छात्रवृति योजना के लिए प्रदेश के स्कूल, महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे दिव्यांग छात्रों को, जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या इससे अधिक है, को उनके कक्षा स्तर अनुसार 400 रूपये से 1500 रूपये प्रति मासिक की दर से छात्रवृति प्रदान की जाती हैं। जिसके लिए सरकार ने वर्ष 2020-21 में 120 लाख रूपये के बजट में से 1.38 लाख रूपये की राशि इस योजना पर खर्च की गई है।