बिना एक समान विचारधारा के कोई भी गठजोड़ बहुत देर तक टिक नहीं सकता
क्या बसपा अकाली दल के पापों के बारे में अपने पहले वाले स्टैंड पर कायम है?
चंडीगढ़, 13 जून:
अकाली-बसपा गठजोड़ को मौकाप्रस्त और बेमेल बताते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री और सीनियर कांग्रेसी नेता स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि इस गठजोड़ में कोई विचारधारा एक समान नहीं है, बल्कि यह सिफऱ् वोटों की राजनीति से प्रेरित है।
यहाँ जारी एक बयान में स. रंधावा ने सवाल किया कि अकाली-भाजपा गठजोड़ को नाख़ुन-मांस का रिश्ता बताने वाले अकाली दल के अग्रणी अब इस गठजोड़ को क्या नाम देंगे, जो सिफऱ् अपना गंवा चुके आधार बचाने की एक कवायद के बराबर है। उन्होंने कहा कि अकाली दल, पंजाब की राजनीति में शुन्य हो चुका है, जिसमें अगर कोई और चीज़ गुना की जाए तो यह सिफऱ् ज़ीरो ही रहेगी।
स. रंधावा ने कहा कि बेअदबी कांड के कारण अकाली दल के धार्मिक पक्ष को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और उसकी नींव ही डगमगा गई है। अब इस कमज़ोर हो चुकी नींव पर गठजोड़ की इमारत तामीर नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अकाली दल के काका कल्चर ने भी टकसाली नेताओं को पार्टी से दूर कर दिया है और यह सिफऱ् मौकाप्रस्तों और पदार्थवादी का टोला बन चुका है।
अकाली दल को गुरू से बेमुख हो चुकी पार्टी बताते हुए स. रंधावा ने कहा कि पहले तो इस पार्टी के माथे पर बेअदबी का कलंक लगा और अब किसानों की पीठ में छुरा मारा। उन्होंने कहा कि अब अकाली दल की डूबती कश्ती को बसपा पार नहीं निकलवा सकेगी, क्योंकि बसपा स्वयं उत्तर प्रदेश में अपनी होंद बचाने की लड़ाई लड़ रही है।
पंजाब का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना सिफऱ् कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी के हाथ में सुरक्षित होने का दावा करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में कांग्रेस पूरी तरह समर्थ है और इतिहास इस बात की गवाही भरता है। उन्होंने अकाली दल और बसपा के बीच हुई सीटों की बाँट पर भी उंगली उठाई, जिसमें बसपा को कम और अकाली दल की पक्की हार वालीं सीटें देकर उसका अपमान किया गया है।
उन्होंने बसपा को सिफऱ् एक ही सवाल किया कि अकालियों के 10 साल के कुशासन, बेअदबी और भाजपा के साथ मिलकर काले कृषि कानून बनाने में हिस्सेदार के मुद्दे पर क्या बसपा का स्टैंड पहले वाला ही रहेगा।