रखी दादरी, 18 मई,2021 भविष्य में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला में तैयारी की जानी जरूरी है ताकि जिला में सुविधाओं अभाव में लोगों को परेशानी ना हो। लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए ऐसा किया जाना समय की मांग है।
कला एवं सांस्कृतिक विभाग के प्रधान सचिव एवं जिला के नोडल अधिकारी डी सुरेश ने मंगलवार को वीडियो कांफे्रस से जिला अधिकारियों की बैठक लेते हुए यह बात कही। उन्होंने उपायुक्त राजेश जोगपाल और अन्य अधिकारियों से जिला की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली और कहा कि कोरोना की दूसरी वेव को काबू पाने के लिए सबको काफी प्रयास करना पड़ रहा है और कई देशों के वैज्ञानिकों ने तीसरी वेव की चेतावनी भी दे दी है। ऐसे में हमें हर आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए तैयारी रखने की जरूरत है। जिला में अगर आधारभूत ढांचे की मजबूती की जरूरत है तो उसको लेकर भी प्रक्रिया शुरू की जाए। जिला प्रशासन कोविड प्रबंधन को लेकर जिला में अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत का तुरंत पता लगाए।
संसाधनों का हो बेहतर रखरखाव
प्रधान सचिव ने कहा कि मरीजों को फोन करने वाले छात्रों और वोलंटियर्स के लिए एक विशेष पर्फोमा तैयार कर उन्हें दें ताकि मरीज से बातचीत के दौरान ही बीमारी की गंभीरता का पता लग सके। सभी मरीजों की स्थिति का विशलेषण करना जरूरी है। दूसरी बिमारियों से ग्रसित लोगों की ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिला के विभिन्न अस्पतालों में मौजूद बेड और अन्य व्यवस्थाओं का बेहतर रखरखाव भी सुनिश्चित किया जाए।
अस्थाई अस्पताल में की जा रही शौचालयों की व्यवस्था
कांफ्रेंस में उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि जिला में प्रशासन की ओर से लोहारू रोड़ पर स्थित राधा स्वामी सतसंग भवन में 500 बेड की अस्थाई व्यवस्था की जा रही है। यहां पर प्रशासन द्वारा शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों सहित चिकित्सकों के खाने की उत्तम वयवस्था की गई है और मरीजों से खाने को लेकर फीडबैक भी ली जा रही है। होम आइसोलेशन में ईलाज ले रहे मरीजों को रेडक्रॉस के वोलंटियर्स के माध्यम से फोन कर उनकी हालत के बारे में पूछा जा रहा है। मरीज स्वयं अपनी बीमारी और तकलीफ के बारे में बताते हैं। ज्यादा परेशानी वाले मरीजों को तुरंत सहायता दी जाती है। जिला में रेडक्रॉस के लगभग 100 वोलंटियर्स लगातार प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं।
सिविल सर्जन डा. सुदर्शन पंवार ने बताया कि जिला में 20 एमबीबीएस के छात्र और 3 चिकित्सक आ चुके हैं और स्वास्थ्य विभाग की मदद कर रहे हैं। होम आइसोलेशन में मरीजों के घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर रही है। अगर किसी मरीज को ज्यादा परेशानी होती है तो उसे अस्पताल में स्फिट किया जाता है।