पंजाब की आप पार्टी के नेता बताएं कि वह इस मामले में चुप क्यों हैं तथा उन्होने पंजाब विरोधी इस कदम पर आपत्ति क्यों नही जताई: डाॅ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़/11जुलाई 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब आप इकाई से पंजाबियों को यह बताने के लिए कहा कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में पंजाब थर्मल प्लांटों को बंद करने की मांग को लेकर याचिका दायर करने से पहले उन्हे विश्वास में लिया था, इसके अलावा वह स्पष्ट करें कि वे राज्य की प्रगति तथा समृद्धि से जुड़े ऐसे संवेदनशील मुददे पर चुप्पी क्यों बनाए हुए हैं?
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के प्रवक्ता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब आप के नेता भगंवत मान और विधायक दल के नेता हरपाल चीमा सहित पंजाब आप के नेता वैसे तो हर दिन प्रेस कांफ्रेंस करते हैं, लेकिन वे अब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पंजाब विरोधी कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने में नाकाम रहे हैं।
डाॅ. चीमा ने कहा कि पंजाब आप इकाई को पंजाबियों को स्पष्टीकरण देनी चाहिए। ‘ उन्हे बताना चाहिए कि क्या दिल्ली सरकार द्वारा पंजाब में थर्मल प्लांटों को बंद करने की मांग को लेकर याचिका दायर करने से पहले उन्हे विश्वास में लिया गया था। अगर उन्हे इस बारे में सूचित किया गया था, तो उन्हे पंजाबियों को बताना चाहिए कि उन्होने इस मामले में आपत्ति क्यों नही जताई, तथा वे अब तक इस मामले मेें चुप क्यों हैं। पंजाब के आप पार्टी के नेताओं को बताना चाहए कि क्या उन्होने अपनी अंतरआत्मा की आवाज बेच दी है तथा आने वाले विधानसभाचुनावों के लिए अपने पदों को बचाने के लिए पंजाब के हितों को बेच दिया है’।
शिरोमणी अकाली दल के नेता ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि केजरीवाल ने जानबूझकर थर्मल प्लांटों को बंद करने के लिए मजबूर करने के लिए पंजाब में बिजली संकट को बढ़ाने के एकमात्र उददेश्य से शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। ‘‘केजरीवाल कृषि और उद्योग को बर्बाद करने के बाद पंजाबियों की परेशानियों पर राजनीति करना चाहते हैं। पंजाब इकाई की चुप्पी साबित करती है कि इस साजिश में उसकी मिलीभगत हैै’’।
डाॅ. चीमा ने कहा कि यह पहला मौका नही है जब आप आम आदमी पार्टी ने पंजाब विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाया है ,उन्होने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुददे पर पहले भी पंजाब के किसानों का पक्ष रखने की नौटंकी की थी, लेकिन साथ ही उन्होने अदालत में हलफनामा दायर कर दिया था कि दिल्ली और हरियाणा को भी एसवाईएल के पानी का अधिकार है तथा नहर का निर्माण किया जाना चाहिए। ‘ केजरीवाल ने अदालत में हलफनामा दायर कर मांग की थी कि धान की पराली जलाने वाले किसानों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाएं , भले ही उन्होने पंजाब के किसानों के साथ सहानुभूति व्यक्त करने का दावा किया था’’।
डाॅ. चीमा ने कहा कि तीनों खेती कानूनों के इस