उपभोक्ताओं को आने वाले महीनों में वीटा उत्पादों की उत्पाद रेंज, गुणवत्ता और पैकेजिंग में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे

चण्डीगढ़, 7 जुलाई 2021 हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ (एचडीडीसीएफ) द्वारा वीटा ब्रांड की दृश्यता और समग्र बिक्री बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर लगातार काम किया जा रहा हैै और उपभोक्ताओं को आने वाले महीनों में वीटा उत्पादों की उत्पाद रेंज, गुणवत्ता और पैकेजिंग में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे। इसी कड़ी में एचडीडीसीएफ के अध्यक्ष श्री रणधीर सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अमूल डेयरी की कार्यप्रणाली को देखने के लिए गुजरात का दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल में डेयरी फेडरेशन के प्रबंध निदेशक, श्री ए. श्रीनिवास, महाप्रबंधक श्री संजय सेतिया और परियोजना प्रबंधक श्री अमित सचदेवा शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने वक्तपुर गांव में दुग्ध सोसायटी और गांधीनगर में अमूल मिल्क प्लांट (एशिया का सबसे बड़ा दूध प्रसंस्करण संयंत्र) का दौरा किया। इस दो दिवसीय यात्रा का उद्देश्य किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर पर दुग्ध समितियों के कामकाज में डिजिटल हस्तक्षेप का अध्ययन करना था। प्रतिनिधिमंडल ने बसरा डेयरी में खरीद प्रभारी और हिम्मतनगर तालुका के वक्तपुर गांव के सचिव और किसानों के साथ भी बातचीत की।
यह समझा गया कि किसानों को ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से उत्पन्न खरीद पर्ची जारी की जाती है जिसमें वसा/एसएनएफ के बारे में जानकारी होती है, और तदनुसार दूध की कुल राशि की गणना की जाती है जो सीधे किसान के बैंक खाते में जमा हो जाती है। यह सूचना वास्तविक समय में दुग्ध संघ और संघ कार्यालय को भेजी जाती है। इससे दुग्ध संघ और संघों को प्रसंस्करण, उत्पादन की अधिक कुशलता से योजना बनाने में मदद मिलती है।
एचडीडीसीएफ के अध्यक्ष रणधीर सिंह ने उल्लेख किया कि एचडीडीसीएफ भी हरियाणा की दुग्ध समितियों और दुग्ध संघों में समान ईआरपी को लागू करने की प्रक्रिया में है और दौरे के दौरान प्राप्त अनुभव से किसानों को दूध खरीद और भुगतान का परेशानी मुक्त मंच प्रदान करने में मदद मिलेगी।
बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और बढ़ाने पर अधिक ध्यान देते हुए प्रतिनिधिमंडल ने सडऩ रोकने वाली पैकेजिंग मशीन के काम को समझने के लिए अमूल, गांधीनगर संयंत्र का भी दौरा किया। गौरतलब है कि एचडीडीसीएफ ने रोहतक मिल्क यूनियन में एसेप्टिक पैकेजिंग प्लांट लगाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम सौंपा गया है, जिसका कुल वित्तीय परिव्यय 125 करोड़ रुपये है।
प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवास ने उल्लेख किया कि अधिकांश प्रतियोगियों के पास पहले से ही सडऩ रोकने वाली पैकेजिंग सुविधा है और यह सुविधा न केवल उत्पादों के शेल्फ-लाइफ को बढ़ाएगी बल्कि फेडरेशन की समग्र बिक्री और लाभप्रदता में भी वृद्धि करेगी। एचडीडीसीएफ ने इस सुविधा का उपयोग करके मिठाई/नमकीन लस्सी, मीठा दूध, फलों के रस आदि पैक करने की योजना बनाई है। इससे 50 से 70 हजार एलपीडी अतिरिक्त दूध की खरीद करने और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी।