मंडी, 27 मई,2021- किसानों के लिए उनकी उपज के चोखे दाम पाने और आय बढ़ाने में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) से जुड़ना बड़े मुनाफे का सौदा है । हिमाचल सरकार ने एफपीओ बनाने वाले किसानों की मदद के लिए मुख्यमंत्री कृषि कोष योजना आरंभ की है। साल 2020 में शुरू की गई इस योजना में कृषक उत्पादक संगठनों के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. कुलदीप वर्मा ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनका सामाजिक व आर्थिक उत्थान करना है।
उन्होंने मंडी जिला के सभी किसानों-बागवानों से कृषक उत्पादक संगठन बनाने-उनसे जुड़ने का आग्रह किया है।
जानें क्या होता है एफपीओ और इसे कौन बना सकता है
डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया कि एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन किसानों का एक समूह होगा, जो खेतीबाड़ी में लगा हो और इससे जुड़ी कारोबारी गतिविधियां चलाता हो। जो किसान किसी एक क्षेत्र में एक ही तरह के कृषि उत्पाद को तैयार कर रहे हैं वे मिलकर एक कृषक उत्पादक संगठन बना सकते हैं । संगठन में न्यूनतम 100 सदस्य होना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि पहले भी स्वयं सहायता समूहों, किसान क्लबों इत्यादि का गठन किया जाता रहा है तथा उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान भी की जा रही है । इनमें वे समूह जो एक जैसा कार्य कर रहे हैं तथा एक तरह का कोई कृषि उत्पाद तैयार कर रहे हैं या किसानों को सेवा प्रदान कर रहे हैं, वे संगठित होकर एक कृषक उत्पादक संगठन बना कर उसे संबंधित एसडीएम के पास कंपनी अधिनियम, 1956 के अनुछेद 581 (सी) के अंतर्गत पंजीकृत करवा सकते हैं।
कृषि कोष योजना में सम्मिलित हैं ये गतिविधियां
डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कृषि कोष योजना के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ सम्मिलित की गई हैं जिनके लिए पंजींकृत संगठन वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं । इसके लिए संगठन को परियोजना (प्रोजेक्ट) तैयार करनी होती है। योजना में सम्मिलित गतिविधियों में मुख्यतः भण्डारण केंद्र, ग्रेडिंग सेंटर, दूध के लिए विपुल शीतक (चिल्लिंग टैंक), प्रसंस्करण इकाई, कोल्ड स्टोर, दुग्ध पाश्चरीकरण इकाई, कस्टम हायरिंग केंद्र (मशीनें ट्रैक्टर पावर टिलर इत्यादि), अन्य बुनियादी ढांचे को विकसित करने संबंधी कार्य शामिल किए गए हैं।
वित्तीय सहायता का प्रावधान, लोन पर भी नहीं देनी होगी सिक्यूरिटी
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा योजना के माध्यम से संगठन को परियोजना (प्रोजेक्ट लागत) का 30 प्रतिशत प्रारम्भिक धन (सीड मनी) के रूप में प्रदान करने का प्रावधान है। इसकी अधिकतम सीमा 6 लाख रूपए होगी । संगठन को योजना लागत का 20 प्रतिशत खुद से (मार्जिन मनी) योजना में लगाना पड़ेगा । इसके अलावा 50 प्रतिशत लागत पर संगठन किसी भी वित्तीय संस्थान बैंक, क्षेत्रीय बैंक, सोसाइटी इत्यादि से लोन ले सकता है।
संगठन को लोन लेने के लिए कोई सिक्यूरिटी भी नहीं देनी होगी ।यदि वितीय संस्थान से लिए गए लोन को संगठन समय पर लौटाता रहे तो लोन पर लगने वाले ब्याज पर उपदान का भी प्रावधान है, जिसमें शुरू के 3 वर्ष के ब्याज पर 5 प्रतिशत व अगले 2 वर्षों के ब्याज पर 3 प्रतिशत उपदान (इंटरेस्ट सब्सिडी) प्रदान की जाएगी।
राज्य व जिला स्तर पर बनी हैं कमेटियां
हिमाचल सरकार ने योजना के अंतर्गत राज्य व जिला स्तरीय कमेटियों का गठन किया है । जिला स्तर पर जिला के उपायुक्त कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं। कृषि उपनिदेशक सदस्य सचिव व उपनिदेशक उद्यान व पशु पालन, सहायक निदेशक मतस्य, महाप्रबंधक उद्योग, डी.आर.डी.ए. के परियोजना अधिकारी प्रोजेक्ट ऑफिसर नाबार्ड के अधिकारी, अग्रणी बैंक के अधिकारी कमेटी के सदस्य हैं। संगठन अपने प्रोजेक्ट को वित्तीय संस्थान को प्रस्तुत करेगा तथा उसके पश्चात यह प्रोजेक्ट जिला स्तरीय कमेटी से स्वीकृत किया जाएगा।
मंडी में कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं
वहीं, मंडी के जिला कृषि अधिकारी नवीन खोसला का कहना है मंडी जिला में कृषि क्षेत्र में काम की अपार संभावनाएं हैं। बल्ह क्षेत्र में किसान सब्जियों व टमाटर का उत्पादन, करसोग में नगदी सब्जियाँ, मोटे आनाज का उत्पादन, बरोट क्षेत्र में आलू व राजमाह, धर्मपुर में हल्दी का उत्पादन कर रहे हैं । किसान अपने क्षेत्र में पहले से बने छोटे समूहों को संगठित कर या नया कृषक उत्पादक संगठन बना सकते हैं और वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं ।
यहां करें संपर्क
मंडी जिला में एफपीओ गठित करने के इच्छुक किसान उपनिदेशक कृषि विभाग के इमेल पते डीडीए मंडी एट दी रेट वाईमेल डॉट कॉम ककंउंदकप/लउंपसण्बवउ अथवा उपनिदेशक कार्यालय के दूरभाष नंबर 01905-236926 पर संपर्क कर सकते हैं। किसान योजना के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए नजदीकी कृषि कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं ।
क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप मंडी जिला में किसानों को कृषक उत्पादक संगठन बनाने और उनसे जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि लोगों के लिए किसानी-बागवानी में आसानी हो और उनका जीवन अधिक खुशहाल बने। इसे लेकर कृषि विभाग लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है।