रोपड, 14 जुलाई 2021
कृषि विज्ञान केंद्र रोपड़, पंजाब द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो, चण्डीगढ़ शाखा कार्यालय – 1 के सहयोग से भारतीय मानक ब्यूरो की गतिविधियों और मानकों पर मंगलवार, 13/07/2021 को कृषि विज्ञान केंद्र रोपड़ में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र रोपड के डिप्टी डायरेक्ट (ट्रेनिंग) डॉ. जी. एस.मक्कड़ ने अपने उद्घाटनी शब्दों में कहा कि कृषि और उद्योग क्षेत्र में एकीकृत सुचारू विकास के लिए भारतीय मानकों की विषेश भूमिका है और उद्योगपतिओं, उपभोक्ताओं अथवा किसानों को इस सम्बन्ध में जागरूक करना अनिवार्य है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए, श्रीमती सरिता त्रिपाठी, स्टैण्डर्ड प्रमोषन आॅफिसर, भारतीय मानक ब्यूरो, चण्डीगढ़ शाखा कार्यालय -1 ने बताया कि, ’’ब्यूरो का उद्देष्य नियामकों, उद्योगों, उपभोक्ताओं और समाज के बीच वैष्विक अर्थव्यवस्था के मानकीकरण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। ब्यूरो मानकीकरण की सुविधा के लिए भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्य कर रहा है। यह जागरूकता कार्यक्रम विषेश रूप से कृषि क्षेत्र से संबंधित मानकों को विकसित करने में योगदान देने वाले विषेशज्ञों के प्रयासों का सम्मान एवं आभार व्यक्त करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। ब्यूरो उत्पाद एवं सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में मानकीकरण कार्यों को विभिन्न प्रमाणन योजनाओं जैसे- आई.एस.आई. मार्क, हाॅलमार्क इत्यादि के माध्यम से संचालित कर रहा है। ब्यूरो द्वारा जारी विभिन्न लाइसेंसों की संख्या में वृद्धि यह प्रकट करती है कि, कृषि, उद्योग, उपभोक्ता और आम जनता में मानकों के प्रति विश्वास बढ़ा है। ’’
भारतीय मानक ब्यूरो, चण्डीगढए शाखा कार्यालय -1 से मिस तालिका,वैज्ञानिक सी ने कृषि क्षेत्र के बारे में जागरूकता पैदा करने, कृषि ओर संबंधित उद्योगों में बी.आई.एस. मानकों का प्रयोग करने तथा कृषक कल्याण के विशय में बताया। उन्होनें कहा कि, ’’मानक कृषि कार्यों को स्मार्ट और अधिक उत्पादक बनाते हैं।’’ उन्होनें मानकों के महत्व पर विस्तार से बताया। भारतीय मानकों के प्रयोग से न केवल आर्थिक विकास को सुनिष्चित किया जा सकता है, बल्कि पर्यावरण और सामाजिक विकास के लिए भी भारतीय मानक अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। मानकों के प्रयोग से कृषि और औद्योगिक उत्पादों, सेवाओं और प्रबंधन में नवीन तकनीकियों का भी विकास किया जा सकता है, जिससे समग्र विकास की अवधारणा को भी बल मिलता है।’’
विभिन्न विभागों के वरिश्ठ अधिकारी; कृषि विभाग रोपड़, पषुपालन विभाग, डेरी विकास बोर्ड, सहकारी समिति, बाल विकास और परियोजना विभाग, लीड बैंक, जिला जनसंपर्क कार्यालय, जिला मृदा संरक्षण कार्यालय, जिला मंडी कार्यालय, वेरका इत्यादि इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे।
डा. अपर्णा, सहायक प्रोफेसर (पशु पालन), कृषि विज्ञान केन्द्र, रोपड ने समारोह के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया एवं उपस्थित सभी अधिकारियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।