कहा कि शिरोमणी अकाली दल इसका पुरजोर विरोध करेगा, चंडीगढ़ को जितनी जल्द संभव को पंजाब में तबदील किए जाने की मांग की
चंडीगढ़/04अगस्त 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज पंजाब के गर्वनर को इस पद से हटाकर केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक पूर्ण प्रशासक नियुक्त करने के प्रस्ताव को पंजाब के अपनी राजधानी के दावे को कमजोर करने का प्रयास बताया। उन्होने कहा ‘‘ हम इसका पुरजोर विरोध करेंगें। चंडीगढ़ पंजाब का अभिन्न हिस्सा है और इसे जितना जल्द हो सके इसे मूल राज्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए’’।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के बाहर से केंद्र शासित प्रदेश के लिए पूर्ण प्रशासक नियुक्त करने का कोई कारण नही था। ‘‘ यदि किसी प्रशासक को नियुक्त करना है, जब तक केंद्र शासित प्रदेश पंजाब में तबादला न किया जाए तथा अधिकारी मूल राज्य से होना चाहिए। पहले भी चंडीगढ़ के चीफ कमिश्नर पंजाब से हुआ करते थे’’।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र सरकार ,केंद्र शासित प्रदेश में अधिकारी की तैनाती के लिए 60ः40 के अनुपात का पालन नही कर रही है। ‘‘ केेंद्र शासित प्रदेश में पंजाब सेवा के अधिकारियों की संख्या कम करने के लिए अलग कैडर बनाए गए हैं, तथा 60ः40 अनुपात का घोर उल्ल्ंघन करते हुए एजीएमयूटी अधिकारियों को प्रमुख पदों पर तैनात किया जा रहा है’’।
सरदार बादल ने कहा कि पंजाब के साथ की जा रहे गलत कार्यों को ठीक करने के बजाय यह निदंनीय है कि चंडीगढ़ के मामले में पंजाब की भूमिका को कमजोर किया जा रहा है। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एनडीए सरकार पंजाब विरोधी कदम को लागू करने का प्रस्ताव देकर कांग्रेस सरकार के रास्ते पर चल रही है, जो संविधान की भावना के भी खिलाफ है।
सरदार बादल ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने पहले भी पंजाब के राज्यपाल का 2016 में चंडीगढ़ में नया प्रशासक नियुक्त करने के कदम का विरोध किया था। ‘‘ जब तक यह मामला सुनिश्चित नही हो जाता, तब तक हम जनआंदोलन शुरू करेंगें’’ उन्होने कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी अनुरोध किया कि वे केंद्र सरकार के साथ इस मामले को सही तरीके से बढ़ाएं और यह सुनिश्चित करें कि केंद्र पंजाब विरोधी कोई फैसल न ले।‘‘शिरोमणी अकाली दल इस संवेदनशील मुददे पर पंजाबियों की भावनाओं से केंद्र सरकार को अवगत कराने के लिए पंजाब के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री से संपर्क करने के लिए तैयार है। यदि मुख्यमंत्री कोई पहल नही करते हैं, तो अकाली दल प्रधानमंत्री से संपर्क करेगा और प्रस्ताव लागू न करने की मांग करेगा’’।
सरदार बादल ने कहा कि पंजाब का चंडीगढ़ पर पहला अधिकार है, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश पंजाब के गांवों के लोगों को उखाड़कर स्थापित किया गया था। उन्होने कहा कि भले ही चंडीगढ़ अब भी पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी थी, लेकिन किसी न किसी बहाने केंद्र शासित प्रदेश में पंजाब की हिस्सेदारी को कमजोर करने