– कृषि विभाग की आधुनिक तकनीक अपनाकर 21 एकड़ में करता है खेती
होशियारपुर, 22 अक्टूबर:
जिले के ब्लाक माहिलपुर के गांव पंजौड़ा का प्रगतिशील किसान हरजीत सिंह 21 एकड़ में बिना पराली जलाए धान व गेहूं की खेती करता है। रबी 2018 के दौरान उसने सुपर एस.एम.एस कंबाइन से धान की कटाई के बाद हैप्पी सीडर तकनीक से गेहूं की सफल बिजाई की थी। हरजीत हैप्पी सीडर विधि से संतुष्ट है क्योंकि इस विधि से धान की पराली को बिना आग लगाए गेहूं की सीधी बिजाई संभव है। उसका मानना है कि इस विधि से गेहूं की बिजाई समय पर हो जाती है। उन्होंने कहा कि ज्यादा व भारी बारिशों व कल्लर जमीन होने के कारण गेहूं का झाड़ थोड़ा कम था परंतु अब झाड़ अधिक हो रहा है।
हरजीत सिंह ने बताया कि रबी 2018 के दौरान हैप्पी सीडर तकनीक के माध्यम से गेहूं् की सफल काश्त कर उसने दूसरे किसानों की मदद से कृषि विभाग के सहयोग से फार्म मशीनरी बैंक भी बनाया। रबी 2019 के दौरान उसने धान की कटाई सुपर एस.एम.एस कंबाइन से की व हैप्पी सीडर विधि से गेहूं की बिजाई की। उसने बताया कि वह खेत को समतल करने के लिए कंप्यूटर कराहे का प्रयोग करता है और अपने कृषि संबंधी अनुभवों को दूसरे किसानों से भी सांझा करता है। हरजीत ने बताया कि वह दूसरे किसानों को वातावरण हितैषी तकनीके अपनाने संबंधी उत्साहित करता है और नवीनतम खेती तकनीकों की जानकारी के लिए जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय मेलों में भी शिरकत करता है।
मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने बताया कि किसानों की ओर से फसलों के अवशेषों को आग लगाने से जमीन व मानवीय सेहत के साथ-साथ वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि विभाग के निर्देशानुसार अभियान के माध्यम से किसानों को पराली न जलाने व उपलब्ध मशीनरी व तकनीक के माध्यम से इसका योग्य प्रबंधन कर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके अलावा कृषि विभाग की ओर से किसानों को धान की पराली का खेतों में ही प्रबंधन करने संबंधी कृषि मशीनरी पर सब्सिडी भी मुहैया करवाई है। डा. विनय कुमार ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से किसानों के खेतों में धान की पराली की संभाल संंबंधी तकनीके भी प्रर्दशित की है और जिला होशियारपुर के कुछ प्रगतिशील किसानों ने धान की पराली का सुचारु प्रबंध कर मिसाल पैदा की है।