रोबोट-एडेड सर्जरी न्यूनतम रक्त स्त्राव, कम दर्द, कम निशान, कम अस्पताल में रहने और तेजी से ठीक होने को सुनिश्चित करती है
अमृतसर, 15 जनवरी 2024
अमेरिका में रहने वाले एक 70 वर्षीय व्यक्ति को बार-बार यूरिन करने में दर्द, यूरिन में खून (हेमट्यूरिया) के साथ-साथ तीव्र पेल्विक दर्द का अनुभव हो रहा था। उनकी चिकित्सीय जांच में उच्च सीरम पीएसए मान का पता चला जो प्रोस्टेट कैंसर और बाएं रीनल ट्यूमर की ओर इशारा करता है। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दोहरी घातकता की घटना अत्यंत दुर्लभ है। रोगी ने अमेरिका और भारत दोनों में कई अस्पतालों का दौरा किया और सभी विकल्पों की खोज करने के बाद उसने अंततः हाल ही में फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी विभाग के कंसल्टेंट डा. रोहित डढवाल से संपर्क किया।
डा. रोहित डढवाल ने मामले की गहनता से जांच की और सभी जांचों की समीक्षा करने के बाद, रोगी को रेडिकल प्रोस्टेटक्टोमी (प्रोस्टेट ग्रंथि को पूरी तरह से हटाने) के साथ-साथ रोबोट-अस्सिटिड रेडिकल नेफरेक्टोमी (किडनी को पूरी तरह से निकालना) की योजना बनाई गई। दोनों प्रमुख सर्जरी एक साथ करने की जटिलता को देखते हुए प्रोस्टेट कैंसर व किडनी टयूमर को हटाने के लिए रोबोट एडेड सर्जरी का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने मामले पर चर्चा करते हुए प्रोस्टेट कैंसर एवं किडनी टयूमर का एक साथ मिलना दुर्लंभ था, खासकर इस केस में अन्य अंगों तक इसका प्रभाव नहीं पहुंचा था। मरीज के दोनों टयूमर मूल अंग तक सीमित होने के कारण पैथोलॉजी को पूरी तरह से हटाने एव उसे कैंसर मुक्त करने का अवसर था। इस केस में ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करना चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि आप्रेटिव एरिया काफी छोटा होता है और इसमें ज्यादा एनेस्थीसिया समय लगता है, जिसमें अधिक रक्त हानि एवं अधिक जटिलताएं होती हैं। सर्जरी के अगले दिन ही मरीज चलने के काबिल था तथा जांच करने के बाद मरीज पूरी तरह से अब स्वस्थ जीवन जी रहा है।
डॉ. रोहित डढवाल ने बताया कि हाथों की बजाए रोबोटिक सर्जरी मरीज के लिए कम तकलीफ व ज्यादा लाभदायक साबित हुई है। उन्होंने बताया कि मरीज के आप्रेशन के दौरान शरीर के जिन हिस्सों तक हाथ पहुंचाना मुश्किल था, अब 360 डिग्री तक घूमने वाले रोबोट की मदद से वहां पहुंच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए रोबोटिक सर्जरी कैंसर के मरीजों के एक वरदान की तरह है। उन्होंने बताया कि रोबोट की मदद से रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव एरिया का 3डी व्यू देखकर कर उसको पूरी तरह से तंदरूस्त किया जा सकता है। डॉ. रोहित डढवाल ने बताया कि चिकित्सा जगत में आई नई तकनीकी क्रांति एवं स्वाथ्य सुविधाओं से भारत अब विदेशों के मुकाबले गंभीर से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को बचाने में सक्षम है, वहीं रोबोटिक सर्जरी किडनी व प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों के लिए वरदान की तरह साबित हो रही है।
इस मौके फोर्टिस अस्पताल के कार्यकारी उपाध्यक्ष आशीष भाटिया ने कहा कि अमेरिका के व्यक्ति का फोर्टिस में सफल इलाज होना देश के लिए गर्व की बात है तथा यह पुष्टि करता है कि भारत अब हेल्थकेयर विशेषज्ञता एव तकनीकी क्रांति में दुनिया के बराबर है।