कांग्रेस हाईकमान के फरमान के बाद आप ने बागी कांग्रेसी मंत्रियों तथा विधायकों से मांगा इस्तीफा
चंडीगढ़, 26 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई को सिरे से खारिज करने वाले बागी कांग्रेसी मंत्रियों तथा विधायकों के इस्तीफा की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश मामलों के प्रभारी हरीश रावत की ओर से जारी कांग्रेसी फरमान के बाद अब यह पता चलेगा कि ये ‘बागी कांग्रेसी’ कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व को स्वीकार करेंगे या इस्तीफा देकर पंजाब के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
शुक्रवार को यहां पार्टी कार्यालय से जारी एक बयान में आप के विधायक तथा यूथ विंग पंजाब के अध्यक्ष गुरमीत सिंह मीत हेयर ने सभी कांग्रेसी विधायकों तथा मंत्रियों को सलाह दी कि अगर बागी कांग्रेसी पंजाब को बचाना चाहते हैं तो उन्हें देहरादून या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है,वह राजधानी में स्थित राजभवन जाकर भी पंजाब को बचा सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपकर कैप्टन के प्रति अपनी नाराजगी दर्ज करानी पड़ेगी।
मीत हेयर ने कहा कि पंजाब को बचाने के नाम पर अपने ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत करने वाले मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखबिंदर सिंह सरकारिया, विधायक तथा पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे पंजाब को बर्बाद करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हैं या पंजाब और पंजाबियों के साथ, क्योंकि हरीश रावत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे तथा 2022 का चुनाव भी कैप्टन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
हेयर ने आगे कहा कि साढ़े चार साल कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अगुवाई में माफिया राज का हिस्सा रहे बागी मंत्रियों और विधायकों ने देर से सही लेकिन सही रुख अपनाया और स्वीकार किया है कि कैप्टन सरकार बेइंसाफ सरकार है,जोकि पंजाब की बदतर हालत तथा माफिया राज की लूट के लिए जिम्मेदार होने के साथ साथ चुनावी वादे पूरे करने में भी बुरी तरह विफल रही है। जिसके चलते उन्होंने कैप्टन के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है, लेकिन इस स्थिति में कैप्टन के विरोधियों को स्पष्ट करना होगा कि वह इस्तीफा देकर पंजाब के लिए लड़ेंगे या कुर्सी के लिए पुरानी तनख्वाह पर ही काम करते रहेंगे। कांग्रेस हाईकमान की कैप्टन को 2022 के चुनावों में कप्तानी सौंपे जाने की घोषणा ने बागियों को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है।
आप नेता ने पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को भी अपना स्टैंड स्पष्ट करना को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार की उपलब्धियों तथा असफलताओं के लिए पूरी कैबिनेट जिम्मेदार होती है। इसलिए पंजाब के मुद्दों को नजरअंदाज करने वाली कांग्रेस सरकार के सभी मंत्री,विधायक तथा नवजोत सिंह सिद्धू भी उतने ही जिम्मेदारी है, जितने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं।
मीत हेयर ने सवाल किया कि क्या बागी मंत्रियों तथा विधायकों को कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई मंजूर है? अगर उन्हें कैप्टन ही मंजूर हैं तो इस से साफ होता है कि वे सिर्फ और सिर्फ कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं। मीत हेयर ने कहा कि अगर बागी मंत्री और विधायक कैप्टन सरकार से समर्थन वापस नहीं लेते हैं तो वे माफिया राज में शामिल होने का दाग धोने का आखिरी मौका भी खो देंगे।
वहीं, विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों, विधायकों और पंजाब की जनता का विश्वास और समर्थन खो दिया है और वह अब मुख्यमंत्री बने रहने के लायक नहीं हैं।
हेयर ने कहा कि चाहे कांग्रेस आलाकमान कैप्टन अमरिंदर सिंह को जबरन मुख्यमंत्री बना ले, लेकिन नैतिक और संवैधानिक रूप से कांग्रेस पार्टी और कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब सरकार का मुखिया बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।