मई में राजस्थान को 365 मीटिंक टन आक्सीजन और प्रतिदिन 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता कृ -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्राी

जयपुर, 28 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्राी डॉ रघु शर्मा ने दिल्ली दौरे से लौटने के बाद
कहा है कि प्रदेश से गए मंत्राी समूह ने कोरोना महामारी की राजस्थान में स्थिति और उसकी प्रदेश की
जरुरत के बारे में सबंधित केन्द्रीय मंत्रियों के साथ विस्तार और सकारात्मक माहौल में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी के निर्देश पर प्रदेश के स्वायत शासन मंत्राी शांति धारीवाल, उर्जा
मंत्राी डॉ. बीडी कल्ला और मैंने दिल्ली में सबंधित केन्द्रीय मंत्रियों से कल मुलाकात की थी। प्रदेश से
गए मंत्राी समूह को केन्द्रीय मंत्रियों ने प्रदेश की जरुरत के अनुसार रेमडेसिविर इंजेक्शन और
आक्सीजन सप्लाई को लेकर उचित सहयोग का आश्वासन दिया है।
10-12 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की प्रतिदिन जरुरत होगी
चिकित्सा मंत्राी ने कहा कि वर्तमान में आक्सीजन के साथ सबसे अधिक मांग रेमडेसिविर
इंजेक्शन की जरुरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मंत्राी समूह ने केन्द्रीय मंत्रियों से विशेष मांग की है
कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन राजस्थान के लिए बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले
दिनों में प्रदेश को प्रतिदिन 10 हजार से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता पड़ सकती है
इसी के अनुसार केन्द्र की ओर से आवंटन किया जाए। उन्होंने कहा कि आरएमएससीएल की ओर 1
लाख 75 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए बुकिंग की गई है लेकिन अब तक विभाग को इसकी
आपूर्ति नहीं मिली है।
365 मीटिंक टन आक्सीजन की जरुरत
चिकित्सा मंत्राी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रियों को प्रदेश की वर्तमान आक्सीजन मांग को लेकर भी
पूर्ण जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान को 310 मीटिंक टन से अधिक मेडिकल
आक्सीजन की जरुरत है। जबकि प्रदेश को बमुश्किल करीब 300 मीटिंक टन आक्सीजन की मिल पा
रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रतिदिन आक्सीजन की मांग बढ़ रही है उसके अनुसार आने
वाले दो-तीन दिन में प्रदेश को 365 मीटिंक टन से अधिक आक्सीजन की आवश्यकता होगी।
32 टैंकरों की आवश्यकता
डॉ शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती आक्सीजन की आपूर्ति के लिए आने वाले माह में 32 टैंकरों
की आवश्यकता होगी। जिनकी क्षमता करीब 400 मीटिंक मेडिकल आक्सीजन सप्लाई की होगी।

उन्होंने कहा कि अधिक टैंकरों की जरुरत इसलिए क्योंकि मेडिकल आक्सीजन देश के दूर-दराज के
इलाकों से होती है इसलिए टंांसपोर्ट में अधिक समय लगता है। जबकि वर्तमान में प्रदेश में केवल 23
मेडिकल आक्सीजन सप्लाई करने वाले टैंकर है। जिनके द्वारा करीब 258 मीटिंक टन आक्सीजन की
सप्लाई की जा रही है।
रेलवे टंांसपोर्ट से भी आपूर्ति की मांग
चिकित्सा मंत्राी ने कहा कि उनके द्वारा सबंधित केन्द्रीय मंत्रियों से मांग की गई कि आक्सीजन
की जल्द से जल्द सप्लाई के लिए रेलवे टंांसपोर्ट की भी उनको अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने
कहा कि अधिकतर आक्सीजन प्लांट छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा जैसे राज्यों में जहां जहां से सड़क
परिवहन के जरिए आक्सीजन की सप्लाई में काफी समय लगता है इसलिए रेलवे टंांसपोर्ट एक बेहतर
विकल्प हो सकता है।
30 हजार रेमडेसिविर कम मिले है
डॉ. शर्मा ने कहा कि उनके द्वारा दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों को अवगत कराया गया कि
राजस्थान को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए इंजेक्शन और आक्सीजन का जो कोटा तय किया
गया था वह पूरा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अप्रेल माह में प्रदेश को 67 हजार रेमडेसिविर
इंजेक्शन मिलने थे लेकिन अब तक प्रदेश को केवल 37 हजार इंजेक्शन ही उपलब्ध हो सकें है,
जबकि अप्रेल माह समाप्त होने को है।

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