महामारी के कारण कैदियों को 31 अगस्त तक दी जाएगी पैरोल हाईकोर्ट की कमेटी ने लिया फैसला:

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चरखी दादरी, 13 मई,2021 पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के तत्वावधान में गठित हाई पार्वड कमेटी ने अब 14 मई से जेल में सात साल या सात साल से अधिक वर्ष की सजा काट रहे कैदियों को पैरोल पर छोडऩे के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। किसी भी कैदी को छोडऩे का फैसला जेल अधिकारियों, पुलिस विभाग व न्यायिक अधिकारियों के विवेक पर निर्भर रहेगा।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिखा यादव ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि हाईकोर्ट की हाई पावर्ड कमेटी ने 11 मई को आयोजित हुई बैठक मेें कैदियों की रिहाई बारे में कुछ फैसले लिए हैं। हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं माननीय न्यायमूर्ति राजन गुप्ता ने निर्देश जारी किए हैं कि प्रदेश की जेलों में सात साल या इससे अधिक वर्ष की सजा काट रहे कैदी को महामारी के दृष्टिïगत पैरोल पर छोड़ा जा सकता है। इस दौरान बंदी के आचरण व केस को ध्यान में रखते हुए जेल अधिकारी, पुलिस विभाग व स्थानीय न्यायिक अधिकारी निर्णय ले सकते हैं। उन्होंने कहा है कि हाई पावर कमेटी ने पिछले आठ चरणों में सात साल व इससे अधिक वर्ष की सजा काट रहे 2580 कैदियों को जेल से रिहा किया था, इनमें से 2170 कैदी अब तक जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं। दो सौ अस्सी कैदी के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया 14 मई से आरंभ होगी। इस बीच कमेटी ने पूर्व में रिहा किए गए सभी बंदियों को 31 अगस्त तक पैरोल देने का फैसला लिया है।
शिखा यादव ने बताया कि जेलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने बंदियों को 31 अगस्त तक पैरोल देने का फैसला लिया है। जो दोषी सात साल से अधिक सजा वाले मामले में आत्मसमर्पण नहीं करते हैं या ऐसे नए केस दर्ज हुए हैं तो उनको पैरोल देने की अनुमति नहीं है। जो कैदी जेल से बाहर आने के लिए मना करते हैं तो उनसे लिखित में यह सहमति ले ली जाए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने बताया कि जेलों में वैक्सीन लगाने का अभियान भी चलाया जा रहा है।

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