कहा कि राज्य का सब्सिडी बिल कम रहे , इसीलिए किसानों को धान सीजन के दौरान जानबूझकर बिजली नही दी जा रही
शिरोमणी अकाली दल कल पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगा, धान की खेती में अतिरिक्त लागत के लिए धान पर 50 रूपये प्रति क्विंटल बोनस प्रदान करने की मांग करेगा
चंडीगढ़/01जुलाई 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा किसानों को दी जाने वाली मुफ्त बिजली की सुविधा से मुकर गए हैं।
सरदार बादल ने कहा कि ’मुख्यमंत्री ने खेती कर्जा माफी लागू करने से इंकार कर किसानों को धोखा दिया है तथा पंजाब में मुफ्त बिजली की सुविधा देने से मुकर गए है’। किसानों को धान की फसल उगाने के दौरान सबसे ज्यादा बिजली की आवश्यकता होती है। किसानों को आठ घंटे लगातार बिजली की सप्लाई के बजाय उन्हे तीन से चार घंटे की आपूर्ति दी जा रही है, जिसके कारण वे अपनी फसल को बचाने के लिए डीजल जनरेटर पर हर दिन हजारों रूपये खर्च करने पर मजबूर हो गए हैं। उन्होने कहा कि यह सब जानबूझकर एक साजिश के तहत किया जा रहा है , ताकि सब्सिडी बिल को कम रखने के लिए किसानों को दी जाने वाली मुफ्त बिजली के राज्य बिजली उपभोगिता को सब्सिडी भुगतान करने से बचाया जा सके’।
सरदार बादल ने कहा कि किसान विरोधी नीति किसान अर्थव्यवस्था को तबाह करके रख देगी , कहते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ‘ कई किसानों को अपने धान के खेतों की जुताई के लिए मजबूर किया जा रहा है। हजारों लोगों ने बिजली न होने के कारण धान की बुआई पूरी नही की है। उन्होने कहा कि किसानों पर धान का सीजन शुरू होने से पहले ही बोझ था, अब उन्हे धान की फसल की रोपाई के लिए जनरेटर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उस समय कांग्रेस सरकार ने बिजली सप्लाई न होने का बहाना दिया था, और शीघ्र ही इसे नियमित करने का वादा किया था। उन्होने कहा कि ऐसा करने के बजाय स्थिति बद से बदतर हो गया है, तथा किसानों को राज्य में विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर आने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
मुख्यमंत्री को गहरी नींद से जगाने की जरूरत पर जोर देते हुए सरदार बादल ने कहा कि पंजा में खेती और घरेलू दोनों क्षेत्रों के लिए बिजली की सप्लाई बहाल करने की मांग को लेकर कल शिरोमणी अकाली दल के नेता पीएसपीसीएल कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ‘ हम यह भी मांग करते हैं कि सरकार किसानों को उनकी धान की फसल उगाने के लिए खर्च होने वाली अतिरिक्त लागत के लिए 50 रूपये प्रति क्विंटल बोनस का भुगतान करे।
अकाली दल अध्यक्ष ने पंजाब में घरेलू क्षेत्र पर लगाए गई कटौती के लिए कांग्रेस सरकार की निंदा करते हुए कहा कि सुनियोजित बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) के साथ इन्हे आसानी से टाला जा सकता था। उन्होने कहा कि स्थिति ऐसी थी कि सरकार औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादा बिजली खर्च होने वाले महीनों के दौरान बिजली की सप्लाई न बढ़ाकर उन्हे जानबूझकर दंडित कर रही है। ‘ अब औद्योगिक