मुख्यमंत्री द्वारा अपनी कुर्सी बचाने के लिए कांग्रेस विधायकों के बच्चों को नौकरी देना निंदनीय: सरदार सुखबीर सिंह बादल

“Govt slamming the door shut on farmers face “- Sukhbir Singh Badal

राज्य में शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार बनते हुी अनुकंपा के आधार पर की गई सभी अवैध नियुक्तियों को रद्द कर दिया जाएगा
कहा कि कांग्रेस सरकार ने ‘घर घर नौकरी ’ की स्कीम को ‘केवल कांग्रेस घर नौकरी’ में बदल दिया
किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों यां किसान आंदोलन के शहीदों को नौकरियां क्यों नही दी जा रही
चंडीगढ़/18जून 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा अपनी कुर्सी बचाने के लिए कांग्रेस विधायकों के बच्चों को पुलिस और राजस्व विभाग में नौकरी देने के लिए निंदा करते हुए कहा कि 2022 में राज्य में शिअद-बसपा गठबंधन सरकार बनते ही ऐसी सभी अवैध नियुक्तियां रदद कर दिया जाएगा।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां गरीब और मेधावी छात्र नौकरियों का इंजजार कर रहे हैं, कांग्रेस सरकार ने ‘घर घर नौकरी’ योजना को बदलकर ‘केवल कांग्रेस घर नौकरी’ में बदल दिया है। उन्होने कहा कि ‘ पहले नियमों को अनुकंपा के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते को डीएसपी नियुक्त किया गया था। अब क्रमशः कांग्रेसी विधायक फतेहजंग सिंह तथा राकेश पांडे को इंस्पेक्टर तथा नायब तहसीलदार के पद पर झूठे अनुकंपा के आधार पर नई नौकरियां पैदा कर नियुक्त किया गया है।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने नियुक्तियों को अवैध बताते हुए कहा कि उनके दादाओं की कथित कुर्बानी के बदले विधायकों के बच्चों को नौकरियां नही दी जा सकती हैं। ‘ यह निंदनीय है कि मुख्यमंत्री ने पंजाब कांग्रेस पार्टी में चल रही तकरार में अपनी कुर्सी बचाने के उददेश्य से ऐसा कर अधिनियम को झूठा आधार दिया है। मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि 1987 में पूर्व मंत्री सतनाम सिंह बाजवा को गोली मारने पर केस दर्ज किया गया था। एफआईआर में कहा गया था कि सतनाम सिंह बाजवा को व्यक्तिगत मतभेद के आधार पर गोली मारी गई थी। इस मामले में कुर्बानी का तो सवाल ही पैदा नही होता, जिसके आधार पर बाजवा के पोते हो उनके दादा की मौत के 33 साल बाद सरकारी नौकरी देकर पुरस्कृत किया जा रहा है?

 

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