वीसी के जरिए साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में कम से कम 20 बैड रखने के उपायुक्तों को दिए निर्देश।
करनाल 21 मई,2021 हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब प्रदेश में पोस्ट कोविड प्रोब्लम यानि ब्लैक फंगस आ गया है। इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करके मुकाबला करें और सभी जिलों में इसकी पुख्ता तैयारी रखी जाए। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों में कम से कम 20 बैड रखने है, ताकि इस बीमारी के रोगी को समय पर उपचार दिया जा सके। हर अस्पताल में नोर्मल ओपीडी के साथ एक डॉक्टर बैठे, जो इसकी पहचान करें। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब कोविड को लेकर प्रदेश में सुधार भी हो रहा है, जिसमें रिकवरी रेट बढ़ गया है और पोजिटिव केसों की भी संख्या घट रही है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को सभी जिलों के उपायुक्त/ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक में रू-ब-रू थे।
उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर चल रही है, तीसरी लहर का पता नहीं आएगी या नहीं, संभावना कह सकते है। इससे निपटने के लिए प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल एजुकेशन मिलकर योजनाएं बनाए, जिसमें पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर बैड और दूसरी सुविधाएं सुलभ होने की बात हो, इसके लिए सरकार बजट में भी इजाफा करेगी। उन्होंने कहा कि हर जिले में कम से कम 200 बैड का अस्पताल हो, इसके लिए पहले ही घोषणा की जा चुकी है।
होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों को ऑक्सीजन की डिलीवरी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये समय पर पहुंचनी चाहिए, कम से कम दो घंटे में हर हालत में पहुंच जाए। इसके लिए सामाजिक संस्थाएं पुलिस वैन और रेडक्रॉस की डयूटियां लगाई गई है, मरीज के अटेंडेंट भी अपने वाहन में ऑक्सीजन ले जा सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोजिटिव केसों को पहले सात दिन के लिए किट प्राथमिकता पर पहुंचाए, सात दिन के बाद भी जरूरत अनुसार दे सकते है।
उन्होंने कहा कि जहां-जहां पीएचसी में डॉक्टरों की संख्या कम है, उसे सीएचसी या जहां ज्यादा है, वहां से लेकर युक्ति संगत बनाए, कम से कम सुबह-शाम पीएचसी में डॉक्टर जरूर जाएं। प्रत्येक पीएचसी में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर जरूर हो। ग्रामीण आईसोलेशन सेंटर को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे सभी सेंटरों में जरूरी दवाईयां और थर्मामीटर जैसे उपकरण जरूर हो। ऐसे सेंटरों का निरीक्षण करने के लिए उपायुक्त प्रमुख व्यक्तियों की डयूटी लगाएं, ताकि कहीं कमी हो तो उसे दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आईसोलेशन सेंटर में अध्यापक इत्यादि की डयूटी लगाई गई है, उन्हें वैक्सीनेशन जरूर दें। जो कर्मचारी इस तरह की डयूटी करने में आना-कानी करें, उसकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में विपरीत टिपणी की जाए, क्योंकि आपदा के समय में सबको डयूटी करनी होती है, वैसे भी ये समय मानवता की भलाई करने का है। उन्होंने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे को भी सपीड अप करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन व्यक्तियों के पास आयुष्मान स्कीम का पैकेज है और जो कार्ड होल्डर है,ऐसे लोगों को ईलाज को लेकर यदि कोई शिकायत है तो वे जिलों की हेल्प लाईन नम्बर पर अपनी बात कह सकते है। ऐसे शिकायतों का शत-प्रतिशत समाधान किया जाए। सरकार की ओर से प्राईवेट अस्पतालों को कोविड के ईलाज के लिए आईसीयू और नोन आईसीयू की जो कैटेगरी बनाई गई है,उसमें बिल की अधिक्ता को लेकर भी कईं बार शिकायत आती है, इनके समाधान के लिए उपायुक्त आईएमए से सम्पर्क कर रिबेट करा सकते है। सरकार की ओर से प्राईवेट को बीपीएल के ईलाज के लिए 35 हजार रूपये दिए जा रहे है, इस स्कीम का भी दुरूपयोग ना हो। प्राईवेट होस्पिटल में एडमिशन, डिस्चार्ज और बिल की पोर्टल पर एंट्री की जाती है, वह चेक होती रहनी चाहिए। जो बीपीएल होम आईसोलेशन में है, उनको 5 हजार रूपये की राशि आरटीजीएस से पहुंचाए। उन्होंने कहा कि हर जिले में एक-एक कमेटी बनाई जाए, जिसमें एक आईएमए से, एक सरकारी डॉक्टर और उपायुक्त की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी शामिल हो, जो अस्पतालों में गैर आयुष्मान बीपीएल रोगियों के ईलाज के लिए बिल इत्यादि की जांच करें।
गांवों में कहीं-कहीं वैक्सीनेशन का विरोध और एजिटेशन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान अब एजिटेशन स्थगित कर देना चाहिए, कोई ये भी ना कहे कि हम कोरोना को नहीं मानते। वास्तव में ये समय सरकार से टकराव का नहीं है, महामारी का है। उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि जिन जिलों में एजिटेशन ज्यादा है, वहां किसी प्रभावशाली व्यक्ति को भेजा जाए जो नम्रता से जाकर बात करें और समझाएं, इसके लिए कोई अधिकारी या किसान नेता भी हो सकते है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने बाईपैप(छोटी मशीन) और जिलों में वेंटिलेटर की उपलब्धता पर भी उपायुक्तों से स्थिति की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी ऑनलाईन जुड़े थे। उन्होंने सुझाव दिया कि होम आईसोलेशन किट कर्इं जिलों में पूरी संख्या में नहीं बंट रही है, इस काम को स्पीड अप किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के एसीएस राजीव अरोड़ा ने मुख्यमंत्री को कोविड और इसके ईलाज के लिए प्रबंधों की अपडेट दी।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिले में कोविड को लेकर ठीक प्रकार से कार्य चल रहा है। डॉक्टरों की टीम के साथ-साथ सामाजिक संस्थाएं भी बेहतर कार्य कर रही है। जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उपायुक्त ने मुख्यमंत्री से ब्लैक फंगस की दवाई की डिमांड की है, क्योंकि केसीजीएमसी में चार जिलों के ईलाज की जिम्मेवारी है।
ये रहे उपस्थित।
पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया, नगर निगम आयुक्त विक्रम, एडीसी वीना हुड्डा, शुगर मिल की एमडी प्रीति, एसडीएम इंद्री सुमित सिहाग, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह, डायरेक्टर केसीजीएमसी डॉ० जगदीश दुरेजा, सीएमओ डॉ० योगेश शर्मा उपस्थित रहे।