‘वन निगम में प्रमोशन घोटाले’ संबंधी प्रकाशित खबर झूठी, तथ्यों से रहित और आधारहीन-साधु सिंह धर्मसोत

Sadhu Singh Dharamsot minister
चंडीगढ़, 1 सितम्बरः
पंजाब के वन मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने ‘वन निगम में प्रमोशन घोटाले’ संबंधी मीडिया में आई खबर को झूठी, तथ्यों से रहित और आधारहीन बताते हुए खबर का खंडन किया है।
आज यहाँ से जारी एक प्रैस बयान के द्वारा स. धर्मसोत ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वह वन निगम की तरक्कियाँ नहीं करते। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरैक्टर की नियुक्ति माननीय मुख्यमंत्री, पंजाब के स्तर पर की जाती है और वन निगम में प्रोजैक्ट अफसर और निचले स्टाफ की प्रमोशन और बदलियों के लिए मैनेजिंग डायरैक्टर वन निगम समर्थ अधिकारी हैं।
स. धर्मसोत ने कहा कि मैनेजिंग डायरैक्टर की तरफ से वन निगम के काम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अपने स्तर पर केवल योग्य कर्मचारियों की प्रमोशन और बदलियां की जाती हैं। उन्होंने कहा कि वन निगम की तरक्कियों में वन मंत्री की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि वन निगम के चेयरमैन श्री साधु सिंह संधू जी हैं, जबकि खबर में साधु सिंह धर्मसोत वन मंत्री लिखा गया है।
जिक्रयोग्य है कि वन निगम में पिछले 4 सालों से प्रोजैक्ट अफसर और डिप्टी प्रोजैक्ट अफसर की कोई प्रमोशन नहीं हुई थी। काफी समय से वन निगम में प्रोजैक्ट अफसरों और डिप्टी प्रोजैक्ट अफसरों के खाली पड़े पदों से इन कर्मचारियों से अस्थायी तौर पर काम लिया जा रहा था। प्रोजैक्ट अफसर और डिप्टी प्रोजैक्ट अफसर को प्रमोट करने संबंधी कार्यवाही विभागीय तरक्की समिति के पास लगभग जून 2020 से विचाराधीन थी। विभागीय तरक्की समिति की तरफ से प्रोजैक्ट अफसरों का रिकॉर्ड विचारा गया है और तरक्कियों का फैसला भी विभागीय तरक्की समिति की तरफ से ही किया गया है।
बताने योग्य है कि विभागीय तरक्की समिति की तरफ से 30 सितम्बर, 2020 और 30 नवंबर, 2020 से खाली होने वाले पद पर वरिष्ठता के अनुसार बनते कर्मचारियों का रिकॉर्ड विचारा गया था। वन निगम के काम-काज को मुख्य रखते हुए और निगम के काम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए उपरोक्त तारीखों से खाली हो रहे पदों पर विभागीय तरक्की समिति की तरफ से ही योग्य पाए गए कर्मचारियों को प्रमोट किया गया है।
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