सरकार की नालायकी की कीमत चुका रहे हैं पशु पालक किसान: कुलतार सिंह संधवां

KULTAR SINGH
ਗੰਨਾ ਉਤਪਾਦਕ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨਾਲ ਧੋਖ਼ਾ, ਕਾਂਗਰਸ ਨੇ ਲੱਡੂ ਖਵਾ ਕੇ ਮਾਰਿਆ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਪਿੱਠ ’ਚ ਛੁਰਾ: ਕੁਲਤਾਰ ਸਿੰਘ ਸੰਧਵਾਂ

मामला मुंह-खुर की बीमारी से मर और बेकार हो रहे पशूओं का
कहा, सरकार के एजंडे पर नहीं हैं पशु पालक किसान: आप
पीडित पशु पालक किसानों के लिए 100 प्रतीशत मुआवज़े की मांग की
चंडीगढ़, 8 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने मुंह-खुर की बीमारी से मर और बेकार हो रहे पशओं के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराते हुए पशु पालक किसानों के लिए 100 प्रतीशत मुआवज़े की मांग की है।
रविवार को पार्टी हेडक्वाटर से जारी बयान में किसान विंग के प्रधान और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि लुधियाना-संगरूर जिलों समेत राज्य के विभिन्न इलाकों में पशूओं को मुंह-खुर की बीमारी ने चपेट में ले लिया है। जिस कारण सैंकड़ों दुधारू पशओं के मरने और बेकार होने के मामले सामने आए हैं, जो बेहद दुखद है, क्योंकि आज कल किसी भी दुधारू पशु की कीमत एक लाख रुपए से कम नहीं है।
संधवां के मुताबिक पहले ही केंद्र और प्रदेश सरकार की घातक नीतियों के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रहे किसान पशु पालकों के लिए इस तरह की काफ़ी घातक बीमारी साबित हो रही है।
कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि बाकी वर्गों समेत पशु पालक किसान भी सरकार के एजंडे पर नहीं हैं। संधवां के मुताबिक यदि सरकार के एजंडे पर किसान ख़ास करके पशु पालक किसान होते तो दशकों से खाली पड़ीं वैटरनरी डिस्पैंसरियों और अस्पतालों में लगातार भर्ती जारी रहती है।
संधवां ने कहा कि वैटरनरी अफ़सरों, वैटरनरी डाक्टरों, वैटरनरी इंस्पेक्टरों/ फार्मासिस्टों और चौथे दर्जे के 70 प्रतीशत से अधिक पद खाली हैं।
संधवां ने कहा कि पहले 10 साल अकाली-भाजपा (बादल) सरकार ने पशु पालन विभाग के अधीन फील्ड स्टाफ की खाली पड़ीं असामियां नहीं भरीं, अब साढ़े चार सालों में कांग्रेस की सरकार ने राज्य के पशु पालकों को बुरी तरह से नजरअन्दाज किया है।
संधवां ने कहा कि फील्ड स्टाफ की कमी दूर किए बिना पशूओं के लिए मुंह-खुर और गल-घोटू वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए चलाईं जातीं टीकाकरन मुहिमें सफल नहीं हो सकतीं।
संधवां ने कहा कि यदि बरसात से पहले मुंह-खुर की बीमारी रोकू टीकाकरन मुहिम समय पर सफलतापूर्वक पूरी की होती तो पशु पालक इस भारी नुक्सान से बच जाते।
संधवां ने कहा कि 2022 में ‘आप’ की सरकार बनने पर पशु पालन के धंधे को राज्य की किसानी की रीढ़ की हड्डी के तौर पर विकसित किया जाएगा।

 

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