सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने संसद में किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की तस्वीरें दिखाकर एनडीए सरकार के झूठ को उजागर किया

कहा कि 2024 में एनडीए सरकार को सत्ता से बाहर कर किसान समर्थक सरकार का रास्ता प्रशस्त होगा
चंडीगढ़/ 10अगस्त 2021 पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने आज संसद में चल रहे कि किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों की तस्वीरें दिखाकर केंद्र के झूठ को उजागर किया तथा कहा कि 2024 में एनडीए सरकार को सत्ता से बाहर कर किसान समर्थक सरकार का रास्ता प्रशस्त होगा।
बठिंडा की सांसद ने सबसे पहले किसान आंदोलन के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले किसानों के मुददे को संसद के बाहर उनकी तस्वीरे दिखाते हुए शिअद-बसपा के सांसदों ने ‘‘ केंद्र सरकार कर ले पहचान, ये हैं हमारा शहीद किसान’ के बैनर पकड़े हुए थे।
बाद में संसद में इसी मुददे को उठाते हुए 127वें संशोधन विधेयक के बारे बोलते हुए सरदारनी बादल ने कहा कि वह किसानों की तस्वीरों को इसीलिए संसद में लेकर आई, क्योंकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान आंदोलन के दौरान हुई मौतों के आंकड़े न होने की बात कही थी। उन्होने मांग की कि सरकार को प्रभावित परिवारों तक पहुंच करनी चाहिए तथा उनपर सवाल उठाने के बजाय उन्हे राहत प्रदान की जानी चाहिए।
अकाली नेता ने संसद के बाहर किसानों का मुददा उठाकर दोहरे मापदंड अपनाने के लिए कांग्रेस पार्टी की भी निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने केवल संसद के बाहर मुददा उठाया , जबकि संसद में केवल पैगासेस जासूसी के मुददे पर चर्चा की गई। उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी को खेती कानूनों को निरस्त करने की जरूरत पर भी चर्चा की मांग करनी चाहिए थी।
केंद्र सरकार के बारे में बोलते हुए सरदारनी बादल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार तानाशाह रवैया अपना रही है तथा केवल उन मुददों पर संसद में चर्चा कर रही है जिनकी और सत्तारूढ़ दल चाहता था। केंद्र से ऐसा रवैया न अपनाने की बात कहते हुए सरदारनी बादल ने कहा कि ‘‘ आपको एक अच्छा रोल माॅडल बनना चाहिए, जो किसानों को तबाह करने के बजाय उनकी समृद्धि का आश्वासन दे’’ उन्होने केंद्र से अपना नारा ‘सबका साथ, सबका विकास’ को वास्तविक बनाने को कहते हुए कहा कि उन्हे यह आंदोलन करने वाले किसानों को विश्वास जीतकर हासिल करना चाहिए। उन्होने पेट्रोल और डीजल की दरों में वृद्धि और 2022 तक वादे के अनुसार खेती आय दोगुनी करने के बजाय, एनडीए सरकार ने मुद्रास्फीति को दोगुना किया है।
सरदारनी बादल ने 127 संशोधन के बारे में बोलते हुए कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने इसका समर्थन किया , क्योंकि यह राज्य को अधिक शक्तियां देने और देश के संघीय ढ़ांचे का मजबूत करने के लिए आवश्यक था। उन्होने का कि इस मांग के लिए पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने 18 साल जेल में काटे थे, तथा संघर्ष किया था। उन्होने कहा कि पिछड़ी जातियों की पहचान करने के लिए राज्यों की शक्ति बहाल करने की मांग करने वाला संशोधन पिछड़े वर्गों के लिए वरदान साबित होगा और यह शिक्षण संस्थानों के साथ साथ नौकरियां दोनों में उनका आरक्षण सुनिश्चित करेगा।
इस बीच संसद के बाहर बोलते हुए सरदारनी बादल ने कहा कि खेती कानूनों के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक कि उन्हे रदद न कर दिया जाए। उन्होने कहा कि अगर एनडीए सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त न किया तो उसे जाना होगा तथा किसान समर्थक सरकार के लिए रास्ता बनाना

 

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