सिंकदर सिंह मलूका ने इतने बड़े घोटाले की निष्पक्ष  केंद्रीय जांच की मांग की

शिरोमणी अकाली दल ने कांग्रेस सरकार  1000 करोड़ रूपये के खर्च के बारे श्वेत पत्र जारी करने की मांग की

कहा कि एक साल की अवधि में अस्पताल के बुनियादी ढ़ांचे में कोई परिवर्तन नही दिखाई दे रहा और रोगियों को पर्याप्त आॅक्सीजनवेंटिलेटरआईसीयू यां यहां तक कि दवाईयां तक उपलब्ध नही हुई

 चंडीगढ़/21अप्रैल , 2021: शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार से एक श्वेत पत्र की मांग कर कहा है कि वह खुलासा करे कि उसने राज्य में  कोविड -19 महामारी से लड़ने के लिए तथा अस्पताल के बुनियादी ढ़ांचे को अपग्रेड करने के लिए सार्वजनिक फंडों में से 1000 करोड़  रूपये का इस्तेमाल कैसे किया ।

पूर्व मंत्री सिंकदर सिंह मलूका ने कोविड से लड़ने के लिए खर्च किए गए 1000 करोड़ रूपये के खर्च को भारी घोटाला बताते हुए कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण हजारों लोग मर रहे हैं, तब भी वह फर्जी दावे कर रहे हैं। उन्होने कहा कि करोड़ों रूपये के घोटाले के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने तथा उन्हे दंडित करने के साथ साथ भ्रष्टाचार पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है ताकि राज्य का पैसा रोगियों की भलाई पर खर्च किया जा सके।

यह पूछे जाने  पर सरकार  ऐसा दावा कैसे कर सकती है, सरदार सिंकदर सिंह मलूका ने कहा कि अस्पताल के बुनिदायी ढ़ांचे में कोई बदलाव नही दिख रहा है। मोहाली, रोपड़ जैसे जिलों में समर्पित कोविड अस्पताल तक नही हैं। नए आईसीयू की सुविधा केवल दो जिला अस्पतालों में बनाई गई है जो बेहद शर्म की बात है। रेमडिसीवर के अलावा टोसिलिमुजेब जैसे जीवन रक्षक इंजेक्शन की भारी कमी है। सरकार द्वारा वेंटिलेटर बढ़ाने में नाकाम रहने से मरीजों को वेंटिलेटर नही मिल रहे हैं। यहां तक कि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए वेंटिलेटर भी महीनों तक उन्हे संचालित करने के लिए कर्मचारियों की कमी के कारण खोले भी  गए।

इस बात पर जोर देते हुए कि राज्य में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बुरी तरह से चरमरा गई है, श्री मलूका ने सरकार को चुनौती दी कि उसने महामारी से निपटने के लिए 1000 करोड़ रूपये कैसे और कहां खर्च किए हैं?। ‘ सुविधाओं के साथ साथ साधारण दवाओं की कमी के कारण लोग सरकारी अस्पतालों से दूर हो रहे हैं। यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू को भी सरकारी अस्पतालों पर विश्वास नही है उन्होने कोविड का इलाज निजी संस्थान में कराने का फैसला लिया था। कांग्रेस के अन्य नेताओं तथा विधायकों ने भी ऐसा ही किया है।

इस बात पर जोर देते हुए कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने फार्म हाउस पर आराम फरमा रहे हैं तथा पूरी तरह एकांतवास में हैं, जबकि  राज्य के लोग अत्यंत डर तथा अभाव का सामना कर रहे हैं। सरदार मलूका ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी पंजाब की गंभीर स्थिति पर नोटिस लिया था। ‘लेकिन ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री अभी भी बेबस हैं। अस्पतालों में बिस्तर की सुविधाओं को बढ़ान अस्पतालों को आॅक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई तथा आपूर्ति सुनिश्चित करने, वेंटिलेटर बढ़ाने तथा आईसीयू सुविधाओं को बढ़ाने का प्रयास नही किया जा रहा है।

अकाली नेता ने कहा कि सरकार ने शुरू से ही कोविड महामारी का कुप्रबंधन किया था जिसके कारण पंजाब में मृत्यु दर देश में सबसे अधिक थी। ‘पीपीई किट की आपूर्ति घोटाले हुए थे’। निजी अस्पतालों को ओवर चार्ज कोविड मरीजों की अनुमति दी गई थी। धोखाधड़ी

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