चंडीगढ़, 30 अप्रैल – हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों के सुधार के दृष्टिकोण को लेकर नई दिल्ली की एक एनजीओ ‘पब्लिक हेल्थ एम्पावरमेंट एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन’ के साथ मिलकर ‘जेलों का स्कूलों में परिवर्तन: जिंदगी की तरफ एक कदम’ नामक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
इस अनूठी पहल के लिए जेल विभाग के महानिदेशक श्री साल्वराज व एनजीओ के सीईओ डॉ. विनित भार्गव ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर आईजी जेल श्री जगजीत सिंह भी उपस्थित थे।
इस बारे में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैदियों में स्वास्थ्य और मानव संबंधों के बुनियादी मूल्यों को फिर से संगठित करना है।
इसके अलावा, इस कार्यक्रम के माध्यम से कैदियों के खाली समय का सदुपयोग करके उनकी रुचि के अनुसार मनोरंजक गतिविधियों में शामिल कर उनमें तनाव और नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे जेलों में एक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनेगा और कैदियों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा।
जेल विभाग के महानिदेशक श्री के.साल्वराज ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति में कुछ गुण होते हैं जो समाज के लिए उपयोगी होते हैं। जेल विभाग द्वारा शुरू किया जा रहा यह कार्यक्रम उन उपयोगी गुणों को उजागर करने में भी मदद करेगा। उन्होंने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से जेल प्रशासन और एनजीओ ‘पब्लिक हेल्थ एम्पावरमेंट एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन’ के मार्गदर्शन में कैदियों द्वारा ही चलाया जाएगा। इसमें किसी अतिरिक्त संसाधन की आवश्यकता नहीं होगी और यह पूरी तरह से नि:शुल्क, स्व-संचालित और आत्म-स्थायी होगा। उन्होंने आगे बताया कि एनजीओ के सीईओ डॉ. विनीत भार्गव और उनकी टीम द्वारा तैयार किए गए उक्त कार्यक्रम का पाठ्य्रक्रम स्कूलों की तरह होगा जो कि दैनिक दिनचर्या का हिस्सा होगा।
उन्होंने बताया कि कैदियों के लिए तैयार किए गए इस पाठ्यक्रम को मोटे तौर पर पांच मुख्य भागों में विभाजित किया गया है जिनमें सामाजिक-नैतिक मूल्य, स्वास्थ्य और स्वच्छता, योगिक अभ्यास, प्रेरक कहानियां, शिकायतें और सुझाव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जेलों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया यह अपनी तरह का पहला लिखित और सुव्यक्त पाठ्यक्रम होगा।