चण्डीगढ़, 10 सितंबर – हरियाणा स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने आज ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ मनाया। इस मौके पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ द्वारा एक राज्य स्तरीय कार्यक्त्रम का आयोजन किया गया । इसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डॉ वीना सिंह ने की तथा इस मौके पर एडीजीएचएस और डीएचएस (एनएमएचपी), डॉ वी.के. बंसल भी उपस्थित थे। इस कार्यक्त्रम में सभी 22 जिलों के मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक शामिल हुए।
स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डॉ वीणा सिंह द्वारा ‘आत्महत्या रोकथाम और आगे का रास्ता’ पर वर्ष के पहले सीएमई का उद्घाटन किया गया। उन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण मानसिक स्वास्थ्य को भारी झटका लगने के बारे में चिंता व्यक्त की, इसने दुनिया और पूरे दैनिक जीवन को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का उद्देश्य जीवन के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है और आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।
इस अवसर पर डॉ. वी.के. बंसल ने कहा कि कार्यक्त्रम को मजबूत करने के लिए विभिन्न कदम उठाने होंगे, जिनमें जिला एनएमएचपी के नोडल अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से हेल्पलाइन कॉल में भाग लिया जाएगा। आत्महत्या की प्रवृत्ति का पता लगाने और कीमती जीवन को खोने से बचाने के लिए समय पर मूल कारण का पता लगाने के लिए सभी पंजीकृत रोगियों की टेली काउंसलिंग और भावनात्मक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों में वार्ता का आयोजन शामिल है।
डॉ. असीम मेहरा, सहायक प्रोफेसर, मनोचिकित्सक विभाग, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ ने रोगियों के प्रबंधन, अवसाद में उपलब्ध नई तकनीक के बारे में विस्तृत विवरण दिया। डॉ. शुभ मोहन सिंह, अतिरिक्त प्रोफेसर, मनोचिकित्सा विभाग, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रबंधन में अपने अनुभव और चुनौतियों का सामना ने संबंधी जानकारी दी। डॉ एमपी शर्मा ने जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्त्रम के सामने आने वाली चुनौतियों को सांझा किया और कहा कि टेक होम का संदेश ज्ञान होना ही शक्ति नहीं है- ज्ञान किसी की जान बचा सकता है।