कृषि बिलों के नाम पर किसानों के साथ दोहरा धोखा कर रही है अमरिन्दर सरकार -भगवंत मान

Aap Punjab MP Bhagwant Mann

भावनाओं के साथ खेल कर अंनदाता को बेवकूफ न बनाएं मुख्यमंत्री – ‘आप’
खोटी नीयत के कारण नरमा, मक्का और अन्य फसलों को बिलों में क्यों नहीं किया शामिल?- ‘आप ’

चण्डीगढ़, 22 अक्तूबर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह पर दोष लगाए हैं कि वह किसानों-मजदूरों की भावनाओं के साथ खेल कर कृषि बिलों के नाम पर दोनों तरफ पास से बेवकूफ़ बना रहे हैं।
‘आप’ सांसद ने मुख्य मंत्री को सवाल किया कि यदि पंजाब विधान सभा में पास किए कानूनों में सचमुच दम होता तो अमरिन्दर सरकार इन बिलों में नरमा और कपास समत एम.एस.पी वाली बाकी सभी फसलों को शामिल करने से न भागती।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान ने कहा कि एक तरफ कैप्टन अमरिन्दर सिंह किसानी संघर्ष को तारपीडो करने के लिए प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी के साथ मिल कर संसद की ओर से पास कानूनों को पंजाब विधान सभा में संशोधन किए जाने का नाटक कर रहे हैं, दूसरी तरफ इस समय पंजाब की मंडियों में नरमे और मक्का की फसल ऐलानी एमएसपी क्रमवार 5745 रुपए और 1870 रुपए प्रति क्विंटल की अपेक्षा औसतन एक हजार रुपए प्रति क्विंटल कम मूल्य पर खरीदे जाने को पूरी तरह अनदेखा कर रहे हैं।
भगवंत मान ने मुख्य मंत्री को पूछा कि वह पंजाब के लोगों/किसानों को हां या न में बताएं कि क्या पंजाब विधान सभा के पास केंद्रीय कानूनों को संशोधन का कानूनी और कानूनन अधिकार है? क्या इन कानूनों पर राज्यपाल और राष्ट्रपति हस्ताक्षर करेंगे? क्या यह कानून पंजाब के किसान के गेहूं और धान की फसल की एमएसपी पर निश्चित रूप से खरीदे जाने की गारंटी करते हैं?
भगवंत मान ने कहा कि इन सवालों की हां भी और न भी जनता को बेवकूफ बनाती है। जबकि सच यह है कि जब तक पंजाब सरकार अपने दम पर एमएसपी पर सभी फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी वाला प्रदेश का अपना कानून नहीं लाती उतनी देर पंजाब के किसान को मोदी सरकार की तरह कैप्टन सरकार से भी कोई इंसाफ नहीं मिल सकता। यही कारण है कि अमरिन्दर सिंह ने चालाकी के साथ नरमा, कपास, मक्का, सूरजमुखी और गन्ने आदि फसलों को अपने तथाकथित कानूनों में शामिल नहीं किया, क्योंकि यदि यह फसलों भी शामिल कर ली जाती तो कैप्टन की 2022 तो दूर अब ही पोल खुल जाती।

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