सिंह साहिबान के बयान पर अपना स्टैंड स्पष्ट करें बादल – हरपाल सिंह चीमा

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बेहिसाब ज्वलंत मुद्दों में पंजाब का मुद्दा नहीं है अलग सिक्ख राज – ‘आप’
नेता प्रतिपक्ष ने राजा अमरिन्दर सिंह और बादलों पर जमकर बोला हल्ला 

जलंधर, 14 सितम्बर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने शिरोमणी अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल से श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के उस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। जिसमें उन्होंने (जत्थेदार साहिब) सिक्खों की भारत में दुर्दशा के हवाले से अलग राष्ट्रीय घर (अलग से सिक्ख स्टेट) की मांग को जायज ठहराया है।
सोमवार यहां प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन करने पहुंचे पार्टी के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने अलग से सिक्ख स्टेट वाली मांग का स्पष्ट विरोध किया।
पार्टी के सीनियर नेता और कोटकपूरा से विधायक कुलतार सिंह संधवां की मौजूदगी में हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी एक केवल धर्म निष्पक्ष पार्टी है, परंतु हम सिक्ख जगत की सिरमौर संस्था श्री अकाल तख्त साहिब का बेहद सम्मान करते हैं, परन्तु बतौर जत्थेदार सिंह की ओर से समय -समय पर अलग सिक्ख राज/खालिस्तान के बारे में दिए जाते बयानों का स्पष्ट विरोध करते हैं। यह बातें पंजाब के लोगों का मुद्दा नहीं हैं, बल्कि ज्वलंत मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रही हैं, डर और दहश्त फैलाती हैं, देश की एकता और अखंडता को चोट पहुंचाती हैं।’’
हरपाल सिंह चीमा ने सुखबीर सिंह बादल और प्रकाश सिंह बादल से स्पष्टीकरण मांगते पूछा कि क्या वह अलग सिक्ख राज की मांग के साथ सहमत हैं? क्या ज्ञानी हरप्रीत सिंह ऐसे बयान उनकी सहमति के साथ देते हैं? चीमा ने इस मुद्दे पर बादलों के स्टैंड के बारे में भाजपा को स्थिति स्पष्ट करने के लिए भी कहा।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बादल जब भी सत्ता से बाहर होते हैं तब ही पंजाब और पंथ की याद आती है, परंतु जब सत्ता में होते हैं तो न पंथ और न ही पंजाब की याद रहता है। इन्होंने हमेशा सत्ताधारी कुर्सी की चिंता की है। इस कुर्सी को पाने या बचाने के लिए यह अराजकता फैलाने तक चले जाते हैं।
चीमा ने कहा कि मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह भी बादलों की तर्ज पर कुर्सी केंद्रित संकुचित राजनीति करने के माहिर हैं। इन सभी की वजह से पंजाब पहले ही बहुत ही बुरा वक्त बर्दाश्त कर चुका है और आज तक गिरावट की ओर जा रहा है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस मौके कृषि विरोधी अध्यादेश, किसान-मजदूर कर्जे, आत्म हत्याएं, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, लापता पवित्र स्वरूप, बेरोजगारी, जहरीली शराब और माफिया राज मुद्दे हैं। दलित विद्यार्थियों का वजीफा घोटाला और बेकाबू हुई कोरोना महामारी अहम मुद्दे हैं। जिनसे ध्यान भटकाने के लिए कैप्टन और बादल अंदरूनी मिलीभुगत के साथ फिजूल और दहशत फैलाने वाली बयानबाजी कर रहे हैं।
चीमा ने कहा कि अकाली-भाजपा और कांग्रेस की निकामियों, परिवारप्रस्त और भ्रष्ट सरकारों के कारण देश में सिर्फ सिक्खों की ही नहीं बल्कि सभी वर्गों की दुर्दशा हुई है। चीमा ने जत्थेदार साहिब के हवाले से कहा कि सिक्खों और सिक्खी का भारत में तो छड़ो पंजाब में सबसे अधिक दुर्दशा हुई है। जिस के लिए बादल और राजा अमरिन्दर सिंह एक दूसरे से ज्यादा जिम्मेदार हैं। चीमा ने प्रदेश के अधिक अधिकारों की वकालत करते कहा कि इन रिवायती पार्टियों ने संघीय ढांचे का लगातार गला दबया है और राज्यों के हकों पर डाका मारा हैं।

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