असम के डिब्रूगढ़ में 100 बिस्तरों वाला योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल बनेगा, पूर्वोत्तर भारत में इस प्रकार का यह पहला अस्पताल होगा

Shri Sarbananda Sonowal
असम के डिब्रूगढ़ में 100 बिस्तरों वाला योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल बनेगा, पूर्वोत्तर भारत में इस प्रकार का यह पहला अस्पताल होगा
केंद्रीय आयुष मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्व सरमा के साथ केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखी

इस अत्याधुनिक संस्थान को 15 एकड़ भूमि पर विकसित करने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा

गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए सीआरआईवाईएन को भारत के कार्डियो वैस्कुलर रोगों (सीवीडी) के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा

योग और प्राकृतिक चिकित्सा में स्नातक, स्नातकोत्तर और उच्च अनुसंधान के लिए शैक्षिक प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा

Delhi: 28 JAN 2024 

केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के साथ आज डिब्रूगढ़ के दिहिंग खामटीघाट में 100 बिस्तरों वाले योग और प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल के साथ केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (सीआरआईवाईएन) की आधारशिला रखी।

 

योग और प्राकृतिक चिकित्सा के पारंपरिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के आधुनिक उपकरणों के बीच वैज्ञानिक रूप से वैध और उपयोगी तालमेल लाने के उद्देश्य से, संस्थान को लगभग 100 करोड़ रुपये के निवेश पर लगभग 15 एकड़ (45 बीघे) भूमि पर विकसित किया जाएगा। यह योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा, निवारक स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान में बेंचमार्क मानक स्थापित करेगा। यह अत्याधुनिक संस्थान योग और प्राकृतिक चिकित्सा में वैश्विक प्रचार और अनुसंधान के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग केंद्र के रूप में कार्य करने के अलावा, साक्ष्य-आधारित अनुसंधान के माध्यम से मौलिक पहलुओं, चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों और प्रथाओं की वैज्ञानिक मान्यता पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह संस्थान योग और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के स्टार्टअप्स में इन्क्यूबेशन सेंटर के रूप में भी काम करेगा।

केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित किया। श्री सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, आयुष अभियान को जबरदस्त प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है क्योंकि यह वैश्विक कल्याण आंदोलन की अग्रणी शक्ति बन गया है। आज हम डिब्रूगढ़ में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ अपनी तरह के पहले केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रख रहे हैं। यह असम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अपने समृद्ध वनस्पतियों और जीवों का उपयोग करने और आतिथ्य, रोगी देखभाल के साथ-साथ चिकित्सा पर्यटन क्षेत्रों में परिधीय विकास के साथ आयुष क्षेत्र में विस्तार करने के लिए सशक्त बनाने के लिए श्री मोदी जी का एक और प्रमाण है। प्रकृति ने हमें अपनी असीम सुंदरता का आशीर्वाद दिया है और यह योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद के माध्यम से पुनर्जीवित, वैज्ञानिक रूप से मान्य उपचार व्यवस्था के साथ, न केवल तत्काल क्षेत्र बल्कि दक्षिण एशिया क्षेत्र के लोगों के लिए एक उपचार और चिकित्सा के अन्य पारंपरिक रूपों को प्रदान करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।”

संस्थान हृदय पुनर्सुधार, मधुमेह पुनर्वास, ऑटोइम्यून बीमारियों और गैर संचारी रोगों (एनसीडी) जोखिम में कमी के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने के लिए नैदानिक ​​प्रशिक्षण सुविधाएं भी प्रदान करेगा। योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रोटोकॉल में अनुसंधान और विकास के साथ, सीआरआईवाईएन एनसीडी के प्रबंधन के लिए साक्ष्य-आधारित प्रोटोकॉल विकसित करेगा जिसे पारंपरिक देखभाल के साथ एकीकृत किया जा सकता है। यह रोगी देखभाल के एकीकृत चिकित्सा दृष्टिकोण को मजबूत करेगा। अस्पताल जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और समृद्ध करने के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रोटोकॉल के साथ आंतरिक रोगी सेवाएं प्रदान करेगा।

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार एक के बाद एक केंद्रीय संस्थानों को जोड़कर जबरदस्त सहायता कर रही है, जिससे आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूती मिल रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे संस्थानों की शुरुआत, असम के हर जिले में चिकित्सा महाविद्यालय, पूरे असम में नए आयुष अस्पतालों के साथ चिकित्सा की आयुष प्रणाली को मजबूत करना और कई अन्य प्रगतिशील कदमों ने राज्य में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। प्राकृतिक चिकित्सा और योग आयुष के दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जो न केवल आपकी बीमारियों का उपचार करते हैं बल्कि आपके मन और शरीर को हर चुनौती का सामना करने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए पुनर्जीवित करते हैं। योग और प्राकृतिक चिकित्सा पर इस अस्पताल और अनुसंधान केंद्र की शुरुआत से, असम के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र के लोगों को इसके कई लाभों से बहुत अधिक लाभ होगा।”

इसकार्यक्रममेंकेंद्रीयपेट्रोलियमऔरप्राकृतिकगैस, श्रमऔररोजगारराज्यमंत्री, रामेश्वरतेली; असमकेस्वास्थ्यएवंपरिवारकल्याणमंत्री, केशबमहंत; उद्योगऔरवाणिज्यऔरसंस्कृतिमंत्री, बिमलबोरा; डिब्रूगढ़केविधायकऔरअसमऔद्योगिकविकासपरिषद (एआईडीसी) केअध्यक्षप्रशांतफुकन; मोरनकेविधायक, चक्रधरगोगोई, दुलियाजानकेविधायक, तेराशगोवाला; लाहोवालकेविधायक, बिनोदहजारिका; चबुआकेविधायक, पोनाकनबरुआ; नाहरकटियाकेविधायकतरंगागोगोईसहितअन्यगणमान्यव्यक्ति, जिनमेंआयुषमंत्रालयकेसाथ-साथअसमसरकारकेवरिष्ठअधिकारीभीउपस्थितथे।

अस्पतालआंतरिकरोगी, बाह्यारोगीऔरदिवसदेखभालसेवाएंप्रदानकरेगा।संस्थानद्वारादीजानेवालीसेवाएँयेहैं, प्राकृतिकचिकित्साआहारऔरपोषण, योगचिकित्सा, मालिशऔरजोड़-तोड़चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, क्रोमोथेरेपी, मैग्नेटोथेरेपी, फिजियोथेरेपीऔरहाइड्रोथेरेपीउपचारसेवाएं।यहरोगियोंकोमोटापा, मेटाबोलिकसिंड्रोम, मधुमेह, सीवीडी, स्ट्रोक, अस्थमा, सीओपीडी, माइग्रेन, आईबीएस, आईबीडी, गठिया, ऑटोइम्यूनरोग, कैंसर, न्यूरोडीजेनेरेटिवरोगोंकोप्रभावीढंगसेप्रबंधितकरनेमेंसहायताकरेगा।