इंटीग्रेटिड सेंटरों में हीमोफिलिया के मरीज़ों को दी मुफ़्त इलाज की सुविधाः बलबीर सिद्धू

Health Minister punjab
विश्व हीमोफिलिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस अभूतपूर्व महामारी के साथ मिलकर निपटने का आह्वान
चंडीगढ़, 17 अप्रैलः
पंजाब सरकार ने राज्य में हीमोफिलिया के मरीजों के लिए सभ्य और उत्तम देखभाल को यकीनी बनाने के लिए पिछले चार सालों दौरान हीमोगलोबिनोपैथीज और हीमोफिलिया मरीज़ा के लिए 20 इंटीग्रेटड सैंटर (आई.सी.एच.एच.) स्थापित किये हैं। इसके अलावा सभी जिलों में हीमोफिलिया के सभी रजिस्टर्ड मरीजों को बिल्कुल मुफ़्त इलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है। यह खुलासा पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने “विश्व हीमोफिलिया दिवस के अवसर पर किया।
उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में हमें न सिर्फ़ शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए भी बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए सभी को इस मुश्किल घड़ी में मिल-जुलकर आगे आना चाहिए।
स. सिद्धू ने बताया कि हीमोगलोबिनोपैथीज़ और हीमोफिलिया के लिए 20 इंटीग्रेटड सैंटर (आई.सी.एच.एच.) तीनों सरकारी मैडीकल कॉलेजों (सरकारी मैडीकल कॉलेज अमृतसर, सरकारी मैडीकल कॉलेज फरीदकोट और सरकारी मैडीकल कॉलेज पटियाला), बठिंडा, फाजिल्का, फतेहगढ़ साहिब, फ़िरोज़पुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, मोहाली, पठानकोट, रूपनगर, संगरूर, तरनतारन के ज़िला अस्पतालों और एम्ज बठिंडा में स्थापित किये गए हैं। इसलिए अब हीमोफिलिया के ज़्यादातर मरीज़ अपनी-अपनी जिलों में ज़रुरी इलाज का लाभ ले सकते हैं। मौजूदा समय में स्टेट ब्लड सेल, पंजाब पूरे राज्य में हीमोफिलिया लगभग 500 रजिस्टर्ड मरीजों को ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि हीमोफिलिक व्यक्तियों का इलाज विशेष डॉक्टरों, पीडियाट्रीशंस, मैडीकल माहिरों और अन्य शिक्षित स्टाफ की निगरानी में करवाया जा रहा है। पंजाब सरकार ने इन सभी आई.सी.एच.एच. सेंटरों में हीमोफिलिया के रजिस्टर्ड मरीजों को एंटी-हीमोफिलिया इलाज जैसे फैक्टर 3, फैक्टर 9, फैक्टर 7ए, फीबा / ए.पी.सी.सी. आदि मुफ़्त मुहैया करवाना शुरू किया है। यह फैक्टर इन केन्द्रों में 24 घंटे उपलब्ध हैं।
मंत्री ने कहा कि स्रोतों के कुशल प्रबंधन के लिए हर ज़िला अस्पताल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की जा रही है और इसके लिए राज्य सरकार को लगभग 10 करोड़ सालाना खर्च करना पड़ता है। राज्य सरकार की तरफ से पंजाब वासियों में जागरूकता फैलाने के लिए जानकारीपूर्ण सामग्री जैसे कि वीडियो आदि तैयार और प्रसारित किए जा रहे हैं। हीमोफिलिया देखभाल के क्षेत्र में सामर्थ्य बढ़ाने के लिए सम्बन्धित स्वास्थ्य अधिकारियों जैसे कि पीडियाट्रीशियन, मैडीकल माहिर, आईसीएचएस की स्टाफ नर्सों को पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़ के सहयोग से विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ज़िक्रयोग्य है कि हीमोफिलिया एक ख़ून बहाव की बीमारी है जिससे पीड़ित व्यक्ति में बहुत कम स्तर के क्लोटिंग फैक्टर होते हैं या इसका खून सही तरह से नहीं जन्म लेता जिससे और ज्यादा ख़ून बहाव की समस्या होती है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हेमोफिलिया (डब्ल्य.ूएफ.एच.) की तरफ से 1989 से विश्व हिमोफिलिया दिवस मनाया जाता है। 17 अप्रैल को फ्रैंक शनाबेल के जन्मदिन की याद के तौर पर चुना गया है। फ्रैंक, हीमोफिलिया से गंभीर रूप से पीड़ित एक कारोबारी था जिसने विश्व स्तर पर हीमोफिलिया के इलाज और देखभाल को बेहतर बनाने के लिए इस अंतरराष्ट्रीय संस्था की स्थापना की।
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