फिर से ट्रिब्यूनल गठन करने की मांग के साथ ‘आप’ ने असहमति जताई
कांग्रेंस और बादलों को बताया विवाद की जड़
चण्डीगढ़, 19 अगस्त 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर पंजाब समर्थकी स्टैंड की बजाए भडक़ाऊ और गुमराह करने वाली बियानबाजी करने का दोष लगाया है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा अमन अरोड़ा ने कहा कि मंगलवार को एसवाईएल पर केंद्रीय मंत्री के साथ पंजाब और हरियाणा के मुख्य मंत्रियों की बैठक के उपरांत राजा अमरिन्दर सिंह की तरफ से एसवाईएल बनने की सूरत में पंजाब में आग लगने वाले भडक़ाऊ बियानबाजी करने की बजाए अंतरराष्ट्रीय रिपेरियन कानून के आधार पर सही स्टैंड लेना चाहिए।
अमन अरोड़ा ने कांग्रेस और अकाली दल (बादल) की एसवाईएल की असली जड़ हैं, जिन्होंने ने शुरू से ही रिपेरियन कानून पर स्टैंड लेने की बजाए खुद एसवाईएल का सांप पंजाब के गले में डाल दिया। अमन अरोड़ा ने बताया कि 1976 में एकतरफा स्टेचरी आर्डर के द्वारा एसवाईएल की नींव रखी। 1978 में कांग्रेस की पंजाब के साथ धक्केशाही में भागीदार बनते प्रकाश सिंह बादल की सरकार ने एसवाईएल के लिए जमीन अधिग्रहण करने की नोटिफिकेशन जारी की। 1981 में जब प्रधान मंत्री इंद्रा गांधी की उपस्थिति में रिपेरियन कानून की धज्जियां उड़ा कर पानियों के बारे में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य मंत्रियों ने समझौता करने वाले चारों (प्रधान मंत्री और तीन मुख्यमंत्री) कांग्रेसी थे। इसी तरह जब कपूरी में इंद्रा गांधी ने एसवाईएल का कट लगाया तब बतौर सांसद अमरिन्दर सिंह खुद मौजूद थे। उसके उपरांत 1985 में राजीव-लौंगोवाल समझौते के अंतर्गत एक साल के अंदर-अंदर एसवाईएल का निमार्ण करने का वायदा भी पंजाब की पीठ में छुरा था।
अमन अरोड़ा ने कहा कि पिछले 40 साल से कांग्रेसियों और अकाली दल (बादल) ने एसवाईएल के विरुद्ध रिपेरियन कानून के मुताबिक स्टैंड न लेकर सिर्फ संकुचित राजनीति की है। अब फिर 2022 के चुनाव से पहले उसी तरह के भडक़ाऊ बियानबाजी शुरू कर दी है।
अमन अरोड़ा ने मुख्य मंत्री की ओर से पंजाब के नहरी पानियों की नए सिरे से पैमाइश के बारे में नया ट्रिब्यूनल गठन करने की मांग के साथ असहमति जताते हुए कहा कि यदि नया ट्रिब्यूनल कम हुए पानी के मुताबिक हरियाणा का हिस्सा कम कर दिया जाए तो क्या पंजाब के पानी की हो रही लूट रुक जाएगी? क्या ऐसा फैसला पंजाब को मंजूर होगा?
अमन अरोड़ा ने कहा कि रिपेरियन कानून के अंतर्गत ही पंजाब के पानियों की लूट रोक कर पंजाब के हित बचाए जा सकते हैं, क्योंकि कोई भी गैर-रिपेरियन प्रदेश पंजाब के पानियों पर हक नहीं जता सकता।