अभी भी वक्त है, मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत का स्पष्ट संदेश समझे केंद्र सरकार: आप
आप ने आंदोलनकारी अन्नदाता और किसान मोर्चा को बधाई दी
चंडीगढ़, 5 सितंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को मुजफ्फरनगर में कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित महापंचायत की सफलता पर आंदोलनकारी किसानों और प्रबंधकों को बधाई दी और कहा कि इस महापंचायत के संदेश को केंद्र सरकार को समझना चाहिए। आप के मुताबिक अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर भी काले कृषि कानून को लेकर अपनी जिद नहीं छोड़ी तो इसकी कीमत बीजेपी समेत सभी राजनीतिक दलों को चुकानी पड़ेगी।
रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में सीनियर नेता तथा विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि मुजफ्फरनगर में किसानोंं की महा पंचायत ने देशवासियों के साथ साथ प्रदेश तथा केंद्र सरकार को स्पष्ट रूप से कई संदेश दिए हैं,जिनके समाज तथा राजनीति पर गहरे और दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे।
अमन अरोड़ा ने कहा कि जिस मुजफ्फरपुर को संकीर्ण विचारधारा वाली राजनीतिक पार्टियां सांप्रदायिकता का इस्तेमाल कर वोट बटोरती आ रही हैं, आज मुजफ्फरपुर की उसी धरती ने साम्प्रदायिक एकता का अभूतपूर्व संदेश देकर साम्प्रदायिक ताकतों को करारा जवाब दिया है। इसलिए सिरमौर किसान नेता राकेश टिकैत सहित समूचा किसान मोर्चा, किसान-खेत मजदूर तथा अन्नदाता के लिए दुआ मांगने वाला हरेक देशवासी बधाई का पात्र है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि आज देश को सामाजिक-धार्मिक और सांप्रदायिक सौहार्द के जरिए एकजुट करने वाली ताकतों की जरूरत है। अपने अस्तित्व के लिए 9 महीने से चल रहे किसान आंदोलन ने सांप्रदायिक सद्भाव और एकता की ताकत का प्रदर्शन किया है।
अमन अरोड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी और पूरी भाजपा से सभी कृषि विरोधी काले कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि अगर काले कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो न केवल भाजपा बल्कि उसके राजनीतिक सहयोगियों को भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
अमन अरोड़ा ने कहा कि किसान महापंचायत ने भी केंद्र सरकार के उस दुष्प्रचार का कड़ा जवाब दिया है, जिसके जरिए भाजपा और उसके सहयोगियों ने किसान आंदोलन को बाधित किया था। इसी तरह मुजफ्फरनगर महापंचायत ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक किसान घातक कृषि कानूनों वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक आंदोलनकारी किसान घर नहीं लौटेंगे। इतना ही नहीं आज की महापंचायत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह आंदोलन दिल्ली तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे देश में फैल चुका है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी शुरू से ही संसद के अंदर और बाहर कृषि विरोधी अध्यादेशों और काले कानूनों का विरोध करती रही है। आप ने पार्टी स्तर से ऊपर उठकर किसान आंदोलन को निस्वार्थ समर्थन दिया है, जो भविष्य में भी जारी रहेगा।