पर्यटन, संस्कृति और खाद्य, सिविल सप्लाई विभागों के पुनर्गठन को भी दी मंजूरी
चंडीगढ़, 17 सितम्बरः
पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों (एम.एस.एम.ईज़.) को अपने कामकाज के लिए उपयुक्त कानूनी ढांचा प्रदान करने के लिए नियमों को मंजूरी देने के साथ-साथ इन उद्यमियों को देरी से भुगतान की समस्या के निपटारे के लिए प्रभावशाली प्रणाली लाई गई है, जिससे इन उद्यमियों को और बल मिला है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने आज सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एम.एस.एम.ई.डी.) एक्ट, 2006 अधीन पंजाब माईक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राईजिज़ फैसिलीटेशन कौंसल्ज़ रूल्स (एम.एस.एम.ई.डी.), 2021 को मंजूरी दी है जिससे एम.एस.एम.ईज़. के विकास के साथ-साथ इनको मुकाबले के लिए और ज्यादा समर्थ बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार यह नियम ’उद्यम’ (निर्माण और सेवाओं दोनों) की धारणा को मान्यता देने और इन उद्यमियों के तीन स्तरों अर्थात सूक्ष्म, लघु और मध्यम को एकीकृत करने के लिए ऐसा पहला कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं। हर श्रेणी के उद्यमियों, ख़ासकर छोटे उद्यमियों के स्पष्ट और अन्य ज्यादा प्रगतिशील वर्गीकरण के अलावा यह एक्ट राष्ट्रीय स्तर पर एक कानूनी सलाहकार विधि प्रदान करता है, जिसमें हितधारकों के सभी वर्गों की व्यापक प्रतिनिधित्व और सलाह सम्बन्धी कार्यों की विशाल श्रेणी शामिल है। एक्ट की प्रमुख विशेषताओं में से एक यह है कि यह सूक्ष्म और लघु उद्योगों के देरी से भुगतान की समस्याओं को घटाने के लिए एक प्रभावशाली विधि प्रदान करता है।
राज्य भर में सम्बन्धित डिप्टी कमीश्नरों की अध्यक्षता में स्थापित सभी ज़िला स्तरीय माईक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राईजिज़ फैसिलीटेशन कौंसल्ज़ राज्य में एम.एस.एम.ईज़. के विकास को यकीनी बनाने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 अधीन सूक्ष्म और लघु उद्यमियों की बेहतरी के लिए देरी से भुगतान के मुद्दों को प्रभावशाली ढंग के साथ हल करने के लिए उपरोक्त नियमों के सही ढंग से लागू करने को यकीनी बनाएंगी।
ज़िक्रयोग्य है कि इन जिलों के सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नर, उद्योग एवं वाणिज्य के डायरैक्टर की शक्तियों का प्रयोग करेंगे और कौंसिल के चेयरपर्सन होंगे। इसके अलावा सम्बन्धित ज़िले के लीड ज़िला बैंक मैनेजर मैंबर के तौर पर काम करेंगे और इसके साथ ही राज्य की एम.एस.एम.ईज़. में सूक्ष्म और लघु उद्यमियों की ऐसोसिएशन के दो मैंबर ग़ैर-सरकारी सदस्यों के तौर पर काम करेंगे। ज़िला उद्योग केंद्र के जनरल मैनेजर इसके मैंबर सचिव होंगे।
पर्यटन, संस्कृति और खाद्य, सिविल सप्लाई विभागों के पुनर्गठन को मंजूरीः
राज्य सरकार द्वारा सरकारी कामकाज में और अधिक कुशलता लाने के अंतर्गत मंत्रीमंडल ने पर्यटन, सांस्कृतिक मामलों, पुरातत्व, संग्रहालय और अभिलेखागार विभाग के पुनर्गठन को भी मंजूरी दे दी है जिससे रेगुलर स्केल पर अतिरिक्त 9 नये पद सृजन करने और भरने के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के आधार पर आउटसोर्सिंग के ज़रिये भरने के लिए 35 नए पदों का सृजन किया जा सके।
और पढ़ें :
मंत्रीमंडल ने खाद्य सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के अलग-अलग विंगों जैसे कि खाद्य और सप्लाई, लीगल मैटरोलॉजी विंग और उपभोक्ता सुरक्षा एक्ट शाखा के पुनर्गठन को भी मंजूरी दे दी है। मंत्रीमंडल ने खाद्य और सप्लाई विभाग में ख़त्म किए गए 159 पदों की जगह 109 नये पद, लीगल मैटरोलॉजी विंग के 35 की जगह 20 पद, इसके अलावा उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग में 130 नये पदों का सृजन करने के लिए मंजूरी दे दी है। इस तरह विभाग के कामकाज में बेहतर कुशलता और पारदर्शिता को यकीनी बनाने के लिए 194 ख़त्म किए गए पदों की जगह 259 नये पदों का सृजन किया गया है, जो देश की खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ किसानों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा को यकीनी बनाएगा।
जल स्रोत विभाग के स्टाफ के लिए नये नियमः
जल स्रोत विभाग के कामकाज में प्रशासकीय कुशलता को यकीनी बनाने के लिए मंत्रीमंडल ने पंजाब जल स्रोत विभाग, जूनियर इंजीनियर ’ग्रुप-बी’ सेवा नियम, 2021 और पंजाब जल स्रोत विभाग, जूनियर ड्राफट्समैन और सर्वेक्षक ’ग्रुप-सी सेवा नियम, 2021’ को मंजूरी दे दी है।