
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव द्वारा मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात
धान की खरीद के लिए विस्तृत विचार-विमर्श
चंडीगढ़, 24 सितम्बर 2021
पंजाब के मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से अपील की है कि खरीफ फ़सल के मार्किटिंग सीजन 2021 -22 के लिए नकद कर्ज़ हद (कैश क्रेडिट लिमिट) सम्बन्धी राज्य को भारतीय रिज़र्व बैंक से तेज़ी से इजाज़त दिलाने में मदद की जाये।
खरीफ फ़सल के आगामी सीजन के बारे मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय में केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण सचिव सुधांशु पांडे के साथ डेढ़ घंटा विस्तृत बातचीत की।
उप मुख्यमंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा की हाज़िरी में मुख्यमंत्री के साथ हुई इस मुलाकात के दौरान केंद्रीय सचिव ने पंजाब की तरफ से राष्ट्रीय खाद्य भंडारण में गेहूँ और धान के डाले जा रहे योगदान के लिए सराहना भी की।
धान की मौजूदा खरीद को पिछले नियमों अनुसार सम्पूर्ण किये जाने की मुख्यमंत्री की तरफ से विनती को मंज़ूरी देते हुए श्री पांडे ने उनको बताया कि भारत सरकार की तरफ से 1 अक्तूबर, 2021 को शुरू हो रहे धान के मौजूदा सीजन के दौरान राज्य में मौजूदा नियमों अनुसार धान की खरीद का फ़ैसला पहले ही किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सचिव को जानकारी दी कि भविष्य में भी संशोधित नियमों को अंतिम रूप दिए जाने से पहले सभी सम्बन्धित पक्षों जैसे कि पंजाब सरकार, किसान, आढ़तियों और मिलों की जत्थेबंदियों को विश्वास में लिया जाये क्योंकि एकतरफ़ा ढंग से ज़बरदस्ती थोपे जाने का मतलब पंजाब के लिए धक्का होगा।
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मौजूदा सीजन के दौरान धान की भरपूर फ़सल की उम्मीद ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने सचिव को बताया कि भारत सरकार की तरफ से 170 लाख मीट्रिक टन की खरीद का लक्ष्य निश्चित किया गया है, परन्तु राज्य के कृषि उत्पादन अनुमानों अनुसार खरीफ की फ़सल के मार्किटिंग सीजन 2021 -22 के दौरान 191 लाख मीट्रिक टन धान की आमद होने की आशा है जिसको देखते हुये पुख़्ता प्रबंध पहले ही किये जा रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग की माँग की जिससे रिमोट सेंसिंग आंकड़ों से हासिल कृषि के उत्पादन लक्ष्य के अनुसार निर्विघ्न खरीद यकीनी बनाई जा सके।
राज्य के गोदामों में जमा अनाज पदार्थों के सुस्त आवाजाही पर चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सचिव को कहा कि तत्काल तौर पर रेलवे अथॉरिटी के साथ संपर्क करके यह गोदाम खाली करवाए जाएँ जिससे ताज़ा धान /चावल के भंडारण के लिए उचित जगह बनाई जा सके। इस मुद्दे सम्बन्धित केंद्रीय सचिव ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने पहले ही 70-80 रैक पंजाब से देश भर में ले जाने के लिए इजाज़त दी हुई है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि डिप्टी कमिश्नरों, सीनियर क्षेत्रीय प्रबंधकों (एफ.सी.आई. पंजाब क्षेत्र) के दरमियान बेहतर तालमेल हो जिससे गोदामों में पहले ही भरे हुए अनाज पदार्थों की तेज़ी से आवाजाही हो सके।
केंद्रीय सचिव की तरफ से सभी सरकारी वाजिब मूल्य की दुकानों में और गतिविधियों जैसे कि बिजली और टैलिफ़ोन के बिल इकठ्ठा करने, बीमा प्रीमियम और मोबाइल रिचार्ज आदि को बढ़ावा के लिए ई-पोस (प्वाइंट आफ सेल) मशीनें स्थापित किये जाने के प्रस्ताव को मंज़ूर करते मुख्यमंत्री ने सचिव खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग पंजाब को निर्देश दिए कि इस स्कीम को सुचारू ढंग से लागू किये जाने के लिये केंद्र सरकार के साथ तालमेल किया जाये। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह इस स्कीम जिससे वाजिब कीमत वाली दुकानों के मालिकों की आमदन में विस्तार होगा, की समीक्षा करने के लिए जल्दी ही निजी तौर पर मीटिंग करेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंजाब में बीते 10 दिनों से भारी बारिश पड़ रही है और मौसम विभाग की भविष्वाणी अनुसार यह उम्मीद है कि अगले 5-7 दिनों तक यह चलन जारी रहेगा। कुदरती कारणों से यह उम्मीद है कि कटाई के समय गुणवत्ता को लेकर कुछ मसले पेश आ सकते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री ने यदि ज़रूरत हो तो केंद्रीय सचिव को नियमों में ढील देने की विनती की।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एग्रो -इंडस्ट्री की तरफ विशेषतः ध्यान दिया जाये जिसके जवाब में केंद्रीय सचिव ने प्रस्ताव रखा कि भारत सरकार की तरफ से राइस ब्रान उद्योग की मदद की जायेगी जिससे चावलों के अतिरिक्त उत्पादन का उपभोग राज्य में ही हो सके।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय खाद्य सचिव को यह भी विनती की कि आर्गेनिक फार्मिंग के लिए विशेष स्कीम शुरू की जाये जिससे चावलों और गेहूँ के फ़सली चक्र की जगह वातावरण समर्थकीय कृषि ढंग तरीके अमल में लाए जा सकें।
इस मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव हुसन लाल, सचिव (वित्त) के.ए.पी. सिन्हा के अलावा मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव राहुल तिवारी और कमल किशोर यादव और सचिव, खाद्य एवं सिविल सप्लाई गुरकीरत किरपाल सिंह भी मौजूद थे।
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