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वड़ि़ंग हत्या केस में संलिप्त, कोटली बलात्कार तथा नकली शराब की अवैध बिक्री में शामिल: रोमाणा, बरकंदी
चंडीगढ़/25सितंबर 2021
शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेसी विधायक अमरिदंर सिंह राजा वड़िंग और गुरकीरत सिंह कोटली को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने के फैसले को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू द्वारा उनके द्वारा किए गए जघन्य अपराधों के बावजूद उन्हे संरक्षण देने के लिए की गई कार्रवाई बताया।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के यूथ विंग के अध्यक्ष सरदार परमबंस सिंह रोमाणा और विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में दागी नेताओं को शामिल करने का फैसला राज्य के शांतिप्रिय और ईमानदार नागरिकों को सदमे जैसा है। उन्होने कहा कि इस फैसले से पंजाबियों में सदमा पहंचा है।
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उन्होने राजा वड़िंग पर ठेकेदार करण कटारिया को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है, जिन्होने खुद को गोली मारने से पहले अपने दो बच्चों को मार डाला था, जबकि कोटली पर 1994 में पंजाब का दौरा करने वाले फ्रांसीसी पर्यटक कटिया दरनार्ड के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था।
उन्होने कहा कि देवर के खिलाफ पहले ही आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जा चुका था, जबकि राष्ट्रीय महिला आयोग ने कटिया बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले में कोटली की संलिप्तता के संबंध में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
सरदार रोमाणा और सरदार बरकंदी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार इस तथ्य के घिनौने कार्यों में शामिल होने के बावजूद वडिंग और कोटली जैसे दागी विधायकों को बढ़ावा दे रही है। उन्होने कहा कि ‘‘ ऐसा लगता है कि नैतिकता के लिए कांग्रेस सरकार में कोई जगह नही है’’।
उन्होने कहा कि बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले के अलावा कोटली पर खन्ना और उसके आसपास के इलाकों में भी अवैध शराब की बिक्री का आरोप था। उन्होने कांग्रेस नेतृत्व को यह भी याद दिलाया कि करण कटारिया को आत्महत्या के मामले में उकसाने की सुनवाई की अगली तारीख 8 अक्टूबर 2021 थी , जो नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के कुछ ही दिन बाद थी।
सरदार रोमाणा और रोजी बरकंदी ने भी राहुल गांधी से सवाल किया तथा पूछा कि क्या वह वडिं़ग और कोटली का संरक्षण करने में उनकी मिलीभगत है। उन्होने कहा कि अगर राहुल वास्तव में सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और ईमानदारी में विश्वास करते हैं तो वह दोनों विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत करने के अपने फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करें।