-कहा, गुलाबी सुंडी पर मगरमच्छ के आंसू बहाने वाले बादल अपनी सफेद मक्खी के बारे में भी बताएं
-बादल और कांग्रेसियों के खिलाफ लोगों का दशकों पुराना गुस्सा फूटने लगा: आप
चंडीगढ़, 26 सितंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) के किसान विंग के प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक कुलतार सिंह संधवां ने शिरोमणी अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के गुलाबी सुंडी से प्रभावित नरमा बेल्ट के दौरे को ड्रामा करार देते हुए इस प्रकार के संकट के लिए बादल और कांग्रेस को बराबर का जिम्मेदार बताया है। आप ने पूछा कि, ‘‘सफेद मक्खी के जन्मदाता बादल किस नैतिकता के साथ कांग्रेस की गुलाबी सुंडी के बारे में बोल रहे हैं। इस प्रकार के ड्रामे उन पीड़ित परिवारों के ताजा जख्मों पर नमक छिडक़ने के समान है, जिनके पारिवारिक सदस्य ‘किसान‘ वर्ष 2015 में सफेद मक्खी से बर्बाद हुई नरमे की फसल देखकर खुदकुशी करने को मजबूर हो गए थे।
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रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान के जरिए विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कहा, ‘‘जैसे सुंडियां अपना रंग-रूप बदलकर फसलों को नुकसान पहुंच रही हैं, ठीक उसी प्रकार कांग्रेस, भाजपा और बादलों ने खेतीबाड़ी और किसानी का हर बार एक-दूसरे से बढ़कर नुकसान किया है’’।
संधवां ने कहा, कि शिरोमणि अकाली दल बादल और भाजपा जैसी परंपरागत पार्टियों से किसान समेत कोई भी वर्ग भले की उम्मीद नहीं कर सकता, क्योंकि इनके मन और नीयत में सदैव खोट रहा है। यदि इनकी नीयत और नीति साफ होती तो पंजाब को असल मायनों में कैलिफोर्निया बना दिया गया होता। लेकिन इन राजनीतिक दलों ने पंजाब को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बीते तीन दशकों से पंजाब की सत्ता पर कांग्रेसी और बादलों का ही कब्जा है। पांच बार के मुख्यमंत्री के राजनीतिक बेटे होने के नाते क्या सुखबीर सिंह बादल बताएंगे कि किसान और किसानी संकट के लिए असल जिम्मेदार कौन है और उन्होंने अपने शासन के दौरान किसानों को खेतीबाड़ी संकट से निकालने के लिए क्या कदम उठाए? नरमे के खेतों में खड़े होकर आज मुआवजे की मांग कर रहे सुखबीर सिंह बादल दस्तावेजी रिकॉर्ड दिखाकर लोगों को बताएं कि वर्ष 2015 में सफेद मक्खी की मार से दबे किसानों को उनकी सरकार ने प्रति एकड़ कितने रूपये का मुआवजा दिया? यह भी बताएं कि सफेद मक्खी घोटाले के आरोपियों को क्या सजा दी गई थी?
कुलतार सिंह संधवां ने सवाल किया कि क्या किसानों का मसीहा सत्ता से बाहर होने के बाद ही बना जाता है? संधवां ने साथ ही पंजाब के किसानों और लोगों से अपील की है कि बादल जैसे सभी स्वार्थी राजनेताओं को सत्ता से हमेशा दूर रखा जाए ,ताकि यह लोगों के ‘मसीहा’ ही बने रहें।
कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि एक तरफ सुखबीर सिंह बादल नरमा उत्पादक किसानों के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं तो दूसरी तरफ सफेद मक्खी पेस्टिसाइड घोटाले के मास्टरमाइंड और तत्कालीन मंत्री तोता सिंह और उसके बेटे बरजिंदर सिंह मक्खन बराड़ को 2022 के चुनाव की टिकटों के लिए नवाज़ रहे हैं। ताकि वह भविष्य की लिए कोई नई किस्म की नीली सुंडी या पीली मक्खी पैदा कर सकें।
बादल परिवार समेत अन्य परंपरागत नेताओं के हो रहे विरोध के संबंध में कुलातर सिंह संधवां ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन राजनेताओं ने जो बीजा था आज उसे ही काट रहे हैं। इनके खिलाफ लोगों का दशकों पुराना गुस्सा फूट रहा है। ऐसे नकारात्मक व्यवहार के लिए राजनेता स्वयं जिम्मेदार हैं।
संधवां ने किसानों और पंजाब के लोगों अपील की, ‘‘वे किन्हीं भी हालातों में कानून हाथों में न लें और ऐसे स्वार्थी राजनेताओं को खदेड़ने के लिए इनके खिलाफ वोट डालकर गुस्सा निकालें’’।
सौ फीसदी मुआवजा पीड़ित किसानों तक सीधा पहुंचाने की गारंटी ले चन्नी: संधवां
संधवां ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से नरमे की फसल के नुकसान की भरपाई के लिए सौ फीसदी मुआवजे की मांग की है। क्योंकि अब नई फसल नहीं बीजी जा सकती और एक फसल का पूर्ण नुकसान हो चुका है। संधवां ने कहा कि चन्नी गुलाबी सुंडी के नुकसान को आज अपनी आंखों से देख और पीड़ित किसानों की गुहार कानों से सुन आए हैं। इसलिए चन्नी फसल के सौ फीसदी नुकसान का पूर्ण मुआवजा प्रत्येक प्रभावित किसान के बैंक खाते में पहुंचाने की गारंटी लें। क्योंकि इससे पहले तक मुआवजा वितरण में भी बड़ी गड़बड़ियां सामने आती रही हैं। उन्होंने चन्नी से पूरी नरमा बेल्ट के लिए उच्च गुणवत्ता की पेस्टिसाइड मुफ्त मुहैया कराने की मांग की है। इसके अलावा नरमे के बीज और किसानों द्वारा इस्तेमाल की गई पेस्टिसाइड के नकली होने की आशंका जताते हुए इसकी जांच की मांग भी की है।