सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में पंजाब के बेरोजगारों के लिए कोटा सुरक्षित क्यों नहीं करती कांग्रेस सरकार: भगवंत मान

BHAGWANT MAAN
ਮੋਦੀ ਸਰਕਾਰ ਦਾ ਸਿੱਧਾ ਹਮਲਾ ਹੈ ਡੈਮਾਂ ਤੋਂ ਪੁਲੀਸ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ 'ਚੋਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਮੁਲਾਜ਼ਮਾਂ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਕਰਨਾ: ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ
 -पीएसटीसीएल की नौकरियों के लिए तैयार सूची में अन्य राज्यों के 71 प्रतिशत उम्मीदवार काबिज 
 -कहा, पंजाब की जवानी के लिए बादलों की तरह कांग्रेस के पास भी न नीति है और न नीयत है 
 -राज्य सरकार की लापरवाही की कीमत चुका रही है पंजाब की होनहार जवानी 

चंडीगढ़,  9 अक्तूबर 2021 

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने आरोप लगाया कि “पिछले 30 वर्षों से पंजाब की कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकार प्रदेश के नौजवानों के लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरियां सुरक्षित रखने के लिए कोई नीति नहीं बनाई, इस कारण पंजाब की सरकारी और निजी क्षेत्र की नौकरियों में अन्य राज्यों के उम्मीदवार काबिज हो जाते हैं।”  उन्होंने कहा कि पीएसटीसीएल के विभिन्न पदों के लिए मैरिट सूची में 51 से लेकर 71 प्रतिशत तक अन्य राज्यों के उम्मीदवारों के नाम आना इसकी ताजा मिसाल है।

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शनिवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में भगवंत मान ने खुलासा किया कि पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन (पीएसटीसीएल) उर्फ पंजाब बिजली बोर्ड ने विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की हुई है और इन नौकरियों के लिए तैयार सूची में अन्य राज्यों के उम्मीदवार 71 प्रतिशत तक नौकरियां लेने में कामयाब हुए हैं। मान ने बताया कि पीएसटीसीएल द्वारा जारी सूची के अनुसार सामान्य वर्ग की सहायक लाइनमेन के कुल 95 पदों में से 64 पदों पर अन्य राज्यों के उम्मीदवार काबिज हुए, यह हिस्सा 67 प्रतिशत है। इसी तरह सहायक सब-स्टेशन अटेंडेंट के 39 पदों में से 28 पदों पर अन्य राज्यों के उम्मीदवार काबिज हुए, यह हिस्सा 71.70 प्रतिशत बनता है। जेई सब-स्टेशन के 54 पदों में से 28 पद यानि 52 प्रतिशत नौकरियां और सहायक इंजीनियरों के 11 पदों में से 4 पद यानि 36 प्रतिशत नौकरियां अन्य राज्यों के उम्मीदवार ले गए।

मान ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, “कांग्रेस पार्टी ने वोट लेने के लिए घर-घर नौकरी देने का वादा तो पंजाबियों से किया, लेकिन इस वादे को अन्य राज्यों के नौजवानों को नौकरी देकर पूरा किया जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि पंजाब और पंजाब के लोगों के हित कभी भी कांग्रेसियों के एजेंडे पर नहीं रहे।”  उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में जमीन तक नहीं खरीद सकते लेकिन पंजाब और पंजाब के लोगों के हक छीनकर अन्य राज्यों के बाशिंदे यहां कृषि योग्य जमीन भी खरीद सकते हैं और नौकरियों पर कब्जा भी कर सकते हैं। स्पष्ट है कि पंजाब में अब तक बारंबार सत्ता पर काबिज होती आ रही कांग्रेस और बादल सरकार सोई पड़ी हैं। यदि यह सरकारें जागती तो सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र की नौकरियों में पंजाब के नौजवानों के लिए आरक्षण लागू कर दिया गया होता। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों जैसे- हरियाणा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि ने अपने राज्य के नौजवानों के लिए 80 प्रतिशत तक नौकरियों का कोटा सुरक्षित(आरक्षित) किया हुआ है।

मान ने कहा कि कांग्रेसी और बादलों के एजेंडे पर पंजाब और पंजाब के लोगों के हित कभी भी नहीं रहे। ये परंपरागत राजनीतिक दल अब माफिया राज चलाने में माहिर हो चुके हैं और सत्ताहीन होने पर 75:25 के अनुपात के साथ मिलजुल कर माफिया राज चलाते हैं। नतीजतन पंजाब के होनहार और समर्थ घरों के बच्चे विदेशों में जा रहे हैं। इसके अलावा शेष बचे लोगों को ड्रग माफिया ने नशे की दलदल में फंसा लिया और आधे रोजगार पाने के लिए सरकारों के खिलाफ सड़कों पर जूझते हुए डंडे खाने को मजबूर हैं।

भगवंत मान ने प्रदेशर सरकार से मांग की है कि पीएसटीसीएल भर्ती प्रक्रिया में अन्य राज्यों के उम्मीदवारों के बजाय पंजाब के उन योग्य बेटे-बेटियों की पहल के आधार पर नौकरी सुनिश्चित की जाए ,जो लंबे समय से रोजगार के लिए संघर्ष के दौरान सरकारी डंडे खाते आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारों द्वारा वर्षों से सरकारी नौकरी नहीं निकाले जाने के कारण रोजाना सैंकड़ों नौजवान लड़के-लड़कियां उम्र की निर्धारित सीमा पार कर जाते हैं। मान ने नई सरकारी नौकरियों में आयु की निर्धारित सीमा की शर्त हटाने की मांग करते हुए कहा कि सरकारों को ठेका और आउटसोर्सिंग भर्ती के बजाय रेगुलर भर्ती ही करनी चाहिए। इसके अलावा सरकार को प्राइवेट और सरकारी नौकरियों में पंजाब के बाशिंदों के लिए एक निर्धारित नीति के तहत आरक्षण कोटा लागू करना चाहिए।

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