डीएसटी आईटीआई के विद्यार्थियों के साथ-साथ उद्योगों के लिए भी वरदान साबित हो रही है : मूलचंद शर्मा

minister mool chand sharma

चण्डीगढ़, 10 सितम्बर- हरियाणा के कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली (डीएसटी) आईटीआई के विद्यार्थियों के साथ-साथ उद्योगों के लिए भी वरदान साबित हो रही है। इससे न केवल प्रशिक्षुओं के प्लेसमेंट की सम्भावनाएं बढ़ी हैं बल्कि औद्योगिक इकाइयों को भी उनकी जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षित मैन पावर उपलब्ध हो सकेगी।

        श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि आईटीआई के छात्रों को इस प्रणाली के तहत 6 महीने से एक वर्ष तक के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षणार्थियों को 3 से 6 महीने और 2 साल तक के पाठ्यक्रमों में 6 से 12 महीने का कार्यस्थल पर प्रशिक्षण (ऑन जॉब ट्रेनिंग) देने की व्यवस्था है। इस प्रणाली के तहत वर्ष 2019-20 के दौरान 1300 से अधिक बच्चे लाभान्वित हुए जबकि 2020-21 के दौरान 276 डीएसटी यूनिट्स के माध्यम से 5500 से अधिक प्रशिक्षुओं के लाभान्वित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण प्रणाली की उपयोगिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके तहत प्रशिक्षण प्राप्त 422 प्रशिक्षुओं में से 242 को जॉब ऑफर मिल चुकी है जोकि प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों का 58 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इस बात के प्रयास किए जाएंगे कि भविष्य में सभी ट्रेड ओजेटी में खोले जाएं।

        श्री मूलचंद शर्मा आज यहां बुलाई गई विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान बोल रहे थे। बैठक में प्रदेश-भर में आईटीआई की स्थिति, हरियाणा कौशल विकास मिशन की उपलब्धियों और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, दुधौला के निर्माण कार्यों की प्रगति के साथ-साथ विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए विभिन्न पाठ्यक्रमों पर भी चर्चा की गई। इस दौरान कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री ने पलवल और फरीदाबाद जिलों में स्थित आईटीआई की स्थिति की जानकारी ली और अधिकारियों को इन आईटीआई में सुविधाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने आईटीआई में आउटसोर्सिंग आधार पर कार्यरत सफाईकर्मियों को समय पर वेतन न मिलने के कुछ मामले सामने आने पर अधिकारियों को इनका पूरा वेतन जारी करने के भी निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि इनके वेतन के मामले में कोताही बरतने वाली एजेंसी के खिलाफ भी कड़ाई कार्रवाई की जाएगी।

        बैठक में बताया गया कि फिलहाल प्रदेशभर में 418 आईटीआई के माध्यम से 84 हजार से अधिक विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इनमें से 172 सरकारी आईटीआई में 76 ट्रेडों में 55 हजार 400 से अधिक जबकि 246 प्राइवेट आईटीआई में 37 ट्रेडों में 29 हजार 400 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सात नई आईटीआई का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि 15 का कार्य प्रगति पर है।

        कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री ने कहा कि लोगों को प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, बढ़ई और हार्डवेयर मरम्मत जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित तकनीशियनों की सेवाएं एक सुनियोजित प्लेटफार्म के माध्यम से मुहैया करवाने के मकसद से विभाग द्वारा मिस्त्री हरियाणा के नाम से एक पोर्टल शुरू किया गया है। इस एप के माध्यम से लोग प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, बढ़ई और हार्डवेयर मरम्मत जैसे कार्यों के लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षित स्नातक तकनीशियनों की सेवाएं घर बैठे एक क्लिक पर प्राप्त कर सकते हैं। आईटीआई से पासआउट लगभग 8000 प्रशिक्षुओं ने इसपर अपना पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा कि लोगों को घरों में सीधी सेवाएं देने के लिए अर्बन क्लैप के साथ एमओयू की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए।

        श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि विभाग तथा इसके अंतर्गत काम करने वाले श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और हरियाणा कौशल विकास मिशन (एचएसडीएम) ने कोविड-19 के समय ई-स्किलिंग का अनूठा कॉन्सेप्ट पेश किया ताकि प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण प्रभावित न हो और वे अपनी पढ़ाई ऑनलाइन जारी रख सकें। केंद्र सरकार ने भी विभाग की इस पहल की सराहना की है। इस दौरान कंटेन्ट के प्रचार के लिए 2000 से अधिक व्हाटसएप ग्रुप बनाकर 75 ट्रेडों में विद्यार्थियों को जोड़ा गया।

        श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों और प्रशिक्षुओं को डिजिटल माध्यमों से शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से इस मुश्किल दौर में अपने सामाजिक दायित्वों को भी बखूबी निभाया है। उन्होंने कहा कि 96 आईटीआई ने अपने परिसर में ही लॉकडाउन के दौरान ‘नो प्रोफिट नो लॉस’ पर 3 लाख से अधिक मास्क बनाकर सराहनीय काम किया है। इसी तरह श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने भी लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को 4 लाख के करीब खाने के पैकेट और आयुर्वेदिक दवाइयां बांटने का काम किया है। सुरक्षा कवच अभियान के तहत कौशल विकास मिशन के साथ मिलकर प्रशिक्षण और उद्योग जगत के भागीदारों के सहयोग से प्रदेश में लगभग साढ़े 11 लाख फेस मास्क वितरित किए हैं। एचएसडीएम ने 242 प्रशिक्षित युवाओं को राज्य सरकार द्वारा अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सहायता के लिए बनाई जन सहायक एप पर पंजीकृत करने का काम किया। उन्होंने कहा कि एचएसडीएम द्वारा 3 हजार से अधिक विद्यार्थियों को नि:शुल्क सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग प्रदान की गई जो सराहनीय है।

        कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री ने प्रदेश में उन प्राइवेट आईटीआई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जिनके पास न तो पर्याप्त संख्या में विद्यार्थी हैं और न ही पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आर्ईटीआई के नाम पर खुली ऐसी तमाम दुकानों हर हाल में बंद करवाया जाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि हरियाणा कौशल विकास मिशन द्वारा ट्रेनिंग प्रोवाइडर्स के माध्यम से अल्पावधि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं की प्लेसमेंट के प्रयास किए जाएं। ऐसे केंद्रों की रैंडम चैकिंग की जाए और किसी भी तरह की कोताही सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाए।

        कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह ने बताया कि छात्रों की सुविधा के लिए आईटीआई की स्टार रेटिंग की व्यवस्था शुरू की गई है और इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को काउंसलिंग सत्र के दौरान उनकी पसंद की आईटीआई चुनने में मदद मिलेगी। भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली के शत-प्रतिशत ट्रेड भरे जाएं।

        बैठक में विभाग और हरियाणा कौशल विकास मिशन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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