शिरोमणी अकाली दल द्वारा भारत निर्वाचन आयोग  से चुनाव रैलियों और नुक्कड़ मीटिंगों पर प्रतिबंध लगाने पर पुनर्विचार करने का आग्रह

DALJEET CHEEMA
Haryana assembly trying to obfuscate issue of transfer of Chandigarh to Punjab with resolutions - SAD
उम्मीदवारों को समाज के सभी वर्गों से संपर्क करने के लिए छोटी मीटिंग करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह बेहद जरूरी है: डॉ. चीमा
भारत निर्वाचन आयोग से  दिल्ली और पंजाब द्वारा विकास की कहानियों के रूप में प्रसारित की जा रही पेड न्यूज पर ध्यान देने की अपील की

चंडीगढ़/14 जनवरी 2022

शिरोमणी अकाली दल ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से पंजाब में चुनाव रैलियों और नुक्कड़ मीटिंग्स पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है तथा कहा कि छोटी सभाओं की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि उम्मीदवारों के लिए समाज के सभी वर्गों से संपर्क करना जरूरी है।

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अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा कि आयोग ने 15 जनवरी तक सभी चुनाव रैलियों, पदयात्राओं, नुक्कड़ बैठक आदि पर रोक लगा दी है, जिससे सभी पार्टियों  के उम्मीदवारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि हलके के सभी मतदाताओं को डिजिटली कवर करना संभव नही है, क्योंकि राज्य में कई पिछड़े क्षेत्र हैं जहां इंटरनेट नेटवर्क ठीक से काम नही कर रहा है। उन्होने कहा कि बुजूर्ग लोग जो आबादी का बहुत बड़ा हिस्साा हैं, वे शायद ही कभी डिजिटल तरीकों का उपयोग करते हों और समाज के गरीब वग के लोगों तक भी डिजिटल तकनीक की पहंुच बहुत कम है।

अकाली नेता ने कहा कि  यदि डिजिटल प्रचार की अनुमति दी जाती है तो इस तरह से  उम्मीदवार की समाज के बहुत बड़े हिस्से तक पहंुच नही हो पाएगी। यह सभी मतदाताओं को समान अवसरों से वंचित करेगा। इसका असर मतदान पर भी पड़ेगा। उन्होने कहा कि हम मानते हैं कि बड़ी रैलियों पर रोक लगानी जरूरी है लेकिन छोटी सभाएं बेहद जरूरी हैं।

डॉ. चीमा ने भारत निर्वाचन आयोग के ध्यान में यह भी लाए कि पंजाब में चुनाव लड़ने वाले दलों की पंजाब/दिल्ली/ केंद्र सरकार में सरकारें हैं। वे अपने राजनीतिक हितों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी धन का दुरूपयोग कर रहे हैं। उदाहरण के लिए दिल्ली राज्य में आप की सरकार है। वे प्रतिदिन पंजाब के विभिन्न टीवी चैनलों पर पेड न्यूज के रूप में कई विकास कहानियां दिखा रहे हैं। उन्होने कहा कि इन पेड न्यूज विज्ञापनों का मकसद पंजाब के मतदाता को प्रभावित करना है। चूंकि दिल्ली में कोई आचार संहिता नही है, इसीलिए आप पार्टी इसका फायदा उठा रही है, और दिल्ली राज्य के खजाने के कीमत पर पेड न्यूज विज्ञापनों पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही है। इससे अन्य पार्टियों को नुकसान हो रहा है।

अकाली नेता ने कहा कि पार्टी विनम्रतापूर्वक आयोग से नुक्कड़ मीटिंगों पर पूर्ण प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करती है। उन्होने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को कोविड सावधानी के साथ छोटी छोटी सभाएं  आयोजित करने की अनुमति दी जाए, ताकि उम्मीदवारों द्वारा मतदाताओं के पास जाकर वोट मांगने के साथ न्याय सुनिश्चित हो सके।

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