अमरिंदर सिंह तथा मनप्रीत बादल को 10 सितंबर 2019 को पता लग गया था कि ऐसे आर्डिनेंस आ रहे हैंः एन के शर्मा
चंडीगढ़/24सिंतबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा किसान विरोधी आर्डिनेंसों के बारे की बयानबाजी का नोटिस लेते हुए कहा कि किसानों की पीठ में छूरा घोंपकर मनप्रीत बादल किसान हितैषी होने के दावे नही करने चाहिए।
यहां जारी किए एक प्रेस बयान में पार्टी के खजांची तथा प्रवक्ता श्री एन के शर्मा ने कहा कि हैरानी वाली बात है कि नीति आयोग द्वारा बनाई मुख्यमंत्रियों की उच्च ताकती कमेटी की मुंबई में हुई मीटिंग में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह की जगह शामिल हुए मनप्रीत सिंह बादल अब अपने किसान हितैषी होने का दावा कर रहे हैं जबकि इस मीटिंग में उन्होने आर्डिंनेंस तैयार करने के लिए अपनी तथा मुख्यमंत्री द्वारा सहमति दी थी।
श्री एन के शर्मा ने कहा कि जो किसान मारू फैसला उक्त कमेटी ने लिया, उसमें सहमति देने के बाद भी पंजाब सरकार ने लिखित तौर पर अलग नोट भेजकर अपनी सहमति दी थी तथा कुछ सुझाव भी दिए थे। उन्होने कहा कि अब मनप्रीत सिंह बादल इन आर्डिनेंसों के बारे बयानबाजी करने लग पड़े हैं जबकि अब तक इन्होने गहरी चुप्पी धारी हुई थी क्योंकि उनकी मुंबई मीटिंग में शामिल होने की वीडियो सार्वजनिक हो चुकी हैं।
अकाली नेता ने कहा कि ऐसे आर्डिनेंस आ रहे हैं, इसका पता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को 10सिंतबर 2019 को पता चल गया था जब तत्कालीन खेतीबाड़ी सचिव काहन सिंह पन्नू ने एक नोट मुख्यमंत्री को भेजा था। उन्होने बताया कि पन्नू ने पंजाब सरकार द्वारा नीति आयोग में हुई मीटिंग में 9 सितंबर 2019 को भाग लिया था। इस मीटिंग में केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि हम ऐसे आर्डिनेंस ला रहे हैं तथा अगले ही दिन काहन सिंह पन्नू ने मुख्यमत्री को लिखे नोट में यह सारा कुछ बता दिया था पर अमरिंदर सिंह ने कुछ भी बोलने की जगह 7 महीने तक चुप्पी धारी रखी तथा फिर आर्डिनेंस जारी हो गए।
श्री शर्मा नले कहा कि यदि मुख्यमंत्री तथा मनप्रीत सिंह बादल ने पहले यह सच बताया होता तो फिर यह आर्डिनेंस कभी तैयार ही नही होने थे क्योंकि शिरोमणी अकाली दल ने इसका विरोध करना था तथा अन्य हमख्याली पार्टियों भी इसके साथ होनी थी।
उन्होने कहा कि यह किसान विरोधी आर्डिनेंस जारी होने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल निजी तौर पर जिम्मेदार हैं जिन्होने किसानों की पीठ में छूरा घोंपा है तथा अब आप सच्चे होने का दावा कर रहे हैं।