कहा कि मुख्यमंत्री अदालत के मामले में जोरदार पैरवी करने के साथ साथ केंद्र के सामने इस मुददे को उठाए
चंडीगढ़/24मई: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज आप पार्टी की सरकार द्वारा अदालत में पंजाब यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने पर विचार करने मामले की जोरदार पैरवी करने तथा पंजाब के हितों की रक्षा करने में विफल रहने के लिए निंदा की है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा है कि इस तथ्य के बावजूद कि पंजाब विश्वविद्यालय , पंजाबियों के लिए गौरव का प्रतीक है, तथा पंजाबी नही चाहते हैं कि उनके इस अद्वितीय चरित्र के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ की जाए, आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में उचित तरीके से राज्य की स्थिति का बचाव करना भी उचित नही समझा। उन्होने कहा, ‘‘ इससे पंजाब को अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस घटनाक्रम पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और न केवल राज्य के दृष्टिकोण का बचाव करना चाहिए बल्कि इस मुददे को केंद्र सरकार के सामने भी उठाना चाहिए। पंजाब विश्वविद्यालय पंजाब की समृद्ध और विविध संस्कृति का प्रतीक है, और अपने अधिकार क्षेत्र को केंद्र में स्थानांतरित करने का कोई भी कदम राज्य और उसके लोगों के हितों के खिलाफ होगा’’।
सरदार बादल ने कहा कि कि मुख्यमंत्री को इस मुददे को हल्के में नही लेना चाहिए तथा कहा कि हाल ही के दिनों में पंजाब विश्वविद्यालय पर पंजाब के नियंत्रण को कमजोर करने की साजिशें रची गई हैं। ‘‘ मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि अकाली दल हमेशा यह सुनिश्चित करने में सबसे आगे रहा है कि विश्वविद्यालय का अनूठा चरित्र कमजोर न हो’’। उन्होने शासन सुधारों की आड़ में प्रतिबद्ध एक उच्च स्तरीय कमेटी के गठन का उदाहरण दिया, जिसने संस्था के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में भारी कमी की सिफारिश की और साथ ही सिंडीकेट की सिफारिश करके संस्था से पंजाबियों को समाप्त करने की सिफारिश की, निर्वाचित प्रतिनिधियों के बजाय केवल एक्स- ऑफिसियो और नामित सदस्य थे।
यह कहते हुए कि अकाली दल ने इस प्रयास के साथ साथ विश्वविद्यालय पर पंजाब की पकड़ को कमजोर करने वाले अन्य कदमों को नाकाम कर दिया है। सरदार बादल ने कहा कि आप पार्टी को समझना चाहिए कि पंजाब विश्वविद्यालय राज्य के लोगों की क्षेत्रीय आकांक्षाओं के साथ साथ संघवाद के सिद्धांतो का प्रतीक है। उन्होने मुख्यमंत्री से इस तथ्य पर भी ध्यान देने के लिए कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य की शैक्षणिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के उददेश्य के लिए की गई थी। ‘‘ अकाली दल अध्यक्ष ने श्री भगवंत मान से कहा, ‘‘ आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह स्थिति अपरिवर्तित रहे’’।