शिरोमणी अकाली दल ने गर्वनर से पंजाब आबकारी घोटाले की सी.बी.आई और ई.डी जांच की सिफारिश करने की अपील की

शिरोमणी अकाली दल ने गर्वनर से पंजाब आबकारी घोटाले की सी.बी.आई और ई.डी जांच की सिफारिश करने की अपील की

सरदार सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला, कहा कि  मुख्यमंत्री ने आधिकारिक गोपनियता अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया

पंजाब में शराब के कारोबार को चुंनिदा गुर्गों को सौप देने के बारे विवरण दिया , जिसमें सैंकड़ों करोड़ रूपये की रिश्वत ली गई

चंडीगढ़/31अगस्त:

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने आज पंजाब के राज्यपाल से राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के आबकारी घोटाले की सी.बी.आई और ई.डी से जांच कराने की सिफारिश करने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य सरकार की संशोधित आबकारी नीति दिल्ली की नीति के समान है और  सैंकड़ों करोड़ों की रिश्वत के बदले गुर्गों को शराब के कारोबार पर नियंत्रण देने के लिए उसी तरीके का इस्तेमाल किया गया है।

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में अकाली दल के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री ने दिल्ली के  उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद राघव चडडा के अलावा निजी व्यक्तियों को राज्य की आधिकारिक फाइलें उपलब्ध कराकर आधिकारिक गोपनियता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली की आबकारी नीति शीर्ष स्तर पर परस्पर लाभ पहुंचाने की व्यवस्था है। इसने यह भी सूचीबद्ध किया कि चूंकि पंजाब की नीति दिल्ली की नीति की नकल है , इसीलिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री राघव चडडा और पंजाब के आबकारी मंत्री तथा अन्य निजी व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। इसमें यह भी कहा कि यह मामला भी भ्रष्टाचार निरोधक कानून के दायरे में आता है और इस संबंध में मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

अकाली दल अध्यक्ष ने राज्यपाल को अवगत कराया कि दिल्ली के मामले की तरह , पंजाब के शराब कारोबारियों को इस दौड़ से दूर करने के लिए समान शर्तों को पेश किया गया, जिसमें कहा गया था कि एल-1 लाइसेंसधारक को भारत और विदेश में कही भी निर्माता नही होना चाहिए। सरदार बादल ने कहा, ‘‘ नई शराब नीति में भी यह कहा गया है कि एल-1 लाइसेंसधारियों का सालाना  कम से कम 30 करोड़ रूपये का कारोबार होना चाहिए और पंजाब के खुदरा बाजार में हिस्सेदारी नही होनी चाहिए’’। उन्होने कहा कि गांरटीड लाभ मार्जिन को भी पांच फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया गया है।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि तदनुसार राज्य में 80 फीसदी शराब व्यापार ब्रिंडको (अमन ढ़ुल) और अनंत वाइनस (मेहरा परिवार) को सौंप दिया गया , जबकि एल-2 लाइसेंस रखने वाले शराब ठेकेदारों को एल-1 थोक विक्रेताओं को आवंटन प्रक्रिया में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया  , जो पंजाब आबकारी अधिनियम 1914 के प्रावधानों  और पंजाब शराब लाइसेंस नियम, 1956 के खिलाफ है।

इस संबंध में मेमोरेंडम में राज्यपाल को यह भी अवगत कराया गया कि नई आबकारी नीति दिल्ली के डिप्टी सीएम और राघव चडडा द्वारा  हयात चंडीगढ़ होटल की पांचवी मंजिल के सुइट में मीटिंग कर तैयार की गई  थी, जिसमें राघव चडडा रह रहे थे और साथ ही में 30 मई को दिल्ली में सिसोदिया के आवास पर भी मीटिंग हुई थी। इन मीटिंगों में अन्य के अलावा  विजय नायर के साथ साथ पंजाब वित्त आयोग , कराधान और आबकारी कमिशनर भी शामिल थे। इसमें यह भी दावा किया कि अंतिम डील छह जून को सिसोदिया के आवास पर हुई थी।

ज्ञापन में राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि वह जांच एजेंसियों को उन सभी स्थानों के सीसीटीवी वीडियों को संरक्षित करने का निर्देश देने का आदेश दें, जहां मीटिंगें हुई थी, और मीटिंगों में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों के मोबाइल टॉवर  की लोकेशन का पता लगाया जाए ताकि उन्हे यह बताने के लिए कहा जा सके कि वह उस समय वहां क्या कर रहे थे। उन्होने मीटिंगों की सामग्री और नई आबकारी नीति तैयार करने के संबंध में सभी आरोपियों का लाई डिटेक्टर और नार्कों विश्लेषण परीक्षण किए जाने का भी अनुरोध किया।

अकाली दल अध्यक्ष के साथ वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, अनिल जोशी और डॉ. सुखविंदर  सुक्खी भी मौजूद थे।

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