— पटरी से उतारकर पंजाब और पंजाबियों को अपमान करने के लिए तैयार: शिरोमणी अकाली दल
— सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने मुख्यमंत्री के उस तरीके की भी निंदा की जिस तरह से आम पंजाबियों को कल की बहस से बाहर रखने के लिए पंजाब पुलिस का दुरूपयोग किया जा रहा
चंडीगढ़/31अक्टूबर:
शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान कल पंजाब दिवस पर राज्य की राजनीति में विभाजन पैदा करके और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुददे को जानबूझकर पटरी से उतारकर पंजाब और पंजाबियों का अपमान करने के लिए तैयार हैं।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले तो पंजाब के नदी जल की लूट को बचाने के लिए सभी पार्टियों को एक साथ लाने के लिए सर्वदलीय मीटिंग बुलाने में विफल रहे। उन्होने कहा कि अब एसवाईएल मुददे को दरकिनार कर दिया गया है क्योंकि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि लुधियाना में सरकार द्वारा आयोजित की जा रही तथाकथित बहस में प्रत्येक वक्ता के लिए तीस मिनट के समय के भीतर ही उन्नीस मुददों पर चर्चा की जाएगी। इसका मतलब है कि आप सरकार एसवाईएल नहर के सबसे संवेदनशील मुददे पर सभी राजनीतिक पार्टियों को एक मंच पर लाने के प्रति गंभीर नही है।
सरदार मजीठिया ने बहस के लिए पास के बांटने के तरीके की भी निंदा की। उन्होने कहा कि आप के प्रत्येक विधायक को आगे वितरण के लिए 30-30 पास दिए गए हैं। उन्होने कहा, ‘‘ यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूरी बहस को आप सरकार के जनसंपर्क अभियान तक सीमित कर दिया गया है, जिसका मकसद एसवाईएल नहर मुददे से ध्यान भटकाना और विपक्ष के खिलाफ बदनामी अभियान शुरू करना है’’। उन्होने मुख्यमंत्री को पंजाब से संबंधित सभी मुददों पर एक सांझा मंच पर बहस करने की अपनी पेशकश दोहराई।
सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाबियों को बहस से दूर रखने के लिए पंजाब पुलिस के दुरूपयोग की भी निंदा की है। उन्होने कहा कि पूरे लुधियाना शहर को छावनी में बदल दिया गया है और यहां तक कि शहर में चल रहे सारस मेले को भी अचानक बंद कर दिया गया है। उन्होने बताया, ‘‘ सभी यूनियनों के प्रमुखों के साथ साथ किसान संगठनों के आंदोलन को बहस स्थल तक पहुंचने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो लोगों को इमरजेंसी के दिनों की याद दिला रहा है। उन्होने बताया, ‘‘ इस सख्ती की गंभीरता का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विशेष डीजीपी कानून एवं व्यवस्था नेे कल की बहस के लिए सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक मीटिंग की, जिसमें एडीजीपी ट्रैफिक, एडीजीपी इंटेलिजेंस, आईजी रोपड़, कमिशनर आॅफ पुलिस लुधियाना, डीआईजी लुधियाना रेंज और डीआईजी पीएपी के अलावा कई अन्य पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया।