दिल्ली, 02 NOV 2023
दिल्ली-एनसीआर में एनएचएआई द्वारा कार्यान्वित की जा रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में धूल नियंत्रण उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एनएचएआई ने एक ‘धूल और नियंत्रण प्रबंधन केंद्र’ स्थापित किया है। यह प्रबंधन केंद्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप है।
एनएचएआई एनसीआर में द्वारका एक्सप्रेसवे, यूईआर II दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे जैसी प्रतिष्ठित परियोजनाओं का कार्यान्वयन रहा है। हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने और धूल के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए, एनएचएआई ने अपने ठेकेदारों/रियायतकर्ताओं को राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण स्थलों पर मौजूदा धूल नियंत्रण उपायों की समीक्षा करने और सीएक्यूएम/केंद्रीय और/या राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिए हैं।
निर्माण स्थलों पर किये जाने वाले धूल नियंत्रण उपायों में; पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं पर मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों की तैनाती, सभी निर्माण स्थलों पर दिन भर पानी का छिड़काव, सभी निर्माण स्थलों और बैचिंग संयंत्रों पर एंटी-स्मॉग गन की तैनाती, निर्माण और तोड़फोड़ से जमा हुई सामग्री को हरे जाल या कपड़े से ढंकना आदि शामिल है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता मानकों में गिरावट के साथ, सीएक्यूएम ने श्रेणीबद्ध जवाबी कार्रवाई कार्ययोजना (जीआरएपी) के तहत कार्रवाई शुरू की है। इन दिशानिर्देशों के अनुरूप, एनएचएआई यह सुनिश्चित कर रहा है कि क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण को अधिकतम प्रभावी बनाने के लिए सभी संभव उपाय किए जाएं।