पंजाब के किसानों की मशीनरी को पंजाब-हरियाणा बाॅर्डर पर पहुंचने से रोकने के लिए निर्देश देने के लिए मुख्यमंत्री की निंदा की: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया
चंडीगढ़, 21 फरवरी 2024
शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान पर पंजाब के किसानों की मशीनरी कोपंजाब-हरियाणा सीमा तक पहुंचने से रोकने के निर्देश जारी करके पंजाब के किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन का नाकाम करने के लिए एक दलाल के रूप में काम करने का आरोप लगाया है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री पहले तो हरियाणा पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे, जिसने पंजाब क्षेत्र में किसानों पर अश्रू गैस, पैलेट गन और रबड़ की गोलियों से हमला किया । अब उन्होने गृह मंत्री के रूप में किसानों की मशीनरी को पंजाब-हरियाणा सीमा तक पहुंचने से रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं और सड़क बंद करके इस निर्देश को लागू करने के लिए पुलिस फोर्स तैनात की है।’’
इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि इस कार्रवाई से मुख्यमंत्री का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है, जिसने किसानों की वकालत करने का दिखावा करके उन्हे गुमराह करने की कोशिश की थी।उन्होने कहा कि सच्चाई यह है कि श्री भगवंत मान इस जरूरत की घड़ी में पंजाब के किसानों का समर्थन करने में विफल रहे हैं। उन्होने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री को उन किसानों को नाकाम करने के लिए खुद पर शर्म आनी चाहिए, जिन्होेने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हे वोट दिया था।’’
वरिष्ठ अकाली नेता ने खुलासा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ मीटिंग के दौरान वकील की भूमिका निभाने की कोशिश करते हुए किसानों को गुमराह किया था। उन्होने कहा, ‘‘ श्री भगवंत मान ने मीटिंग में किसानों के समर्थन में रूख अपनाने से इंकार कर दिया, जिसके कारण बातचीत विफल हो गई है।’’
सरदार मजीठिया ने यह कहते हुए कि कैसे मुख्यमंत्री पंजाब क्षेत्र में किसानों पर हमला करने वाले हरियाणा के पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज करने में विफल रहे और किसान संघर्ष में शहीद यां घायल हुए लोगों को कोई मुआवजा भी नही दिया गया है।
सरदार मजीठिया ने दोहराते हुए कहा कि अकाली दल ने हमेशा किसानों के हितों का समर्थन किया है और आगे भी करता रहेगा। उन्होने कहा, ‘‘ हम एमएसपी पर कानूनी गारंटी के साथ-साथ पूरा कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के कपर्यान्वयन के लिए किसानों के साथ एकजुट खड़े हैं, जिसमें अनाज उत्पादन के भार की लागत पर 50 फीसदी लाभ सुनिश्चित किया गया है।’’