एमएसपी पर आम आदमी पार्टी ने कहा – भाजपा किसान हितैषी होने का ड्रामा कर रही, अगर सच में किसानों की चिंता है तो एमएसपी गारंटी कानून बनाए

Babbi Badal
ਐਮਐਸਪੀ 'ਤੇ ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ ਨੇ ਕਿਹਾ - ਬੀਜੇਪੀ ਕਿਸਾਨ ਹਿਤੈਸ਼ੀ ਹੋਣ ਦਾ ਡਰਾਮਾ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ, ਜੇਕਰ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਸੱਚਮੁੱਚ ਚਿੰਤਾ ਹੈ ਤਾਂ ਐਮਐਸਪੀ ਗਾਰੰਟੀ ਕਾਨੂੰਨ ਬਣਾਏ
कृषि की लागत 70 प्रतिशत बढ़ गई और एमएसपी में वृद्धि सिर्फ 7 प्रतिशत की गई है, यह बहुत कम है – आप प्रवक्ता बब्बी बादल
किसानों को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार ”C2 + 50%” के हिसाब से फसलों की कीमत अदा दी जाए – बब्बी बादल
सुनील जाखड़ पर बोला हमला, कहा – पीएम मोदी और सुनील जाखड़ की जोड़ी गप्पी और पप्पी की जोड़ी है, जाखड़ का काम केंद्र के हर फैसले पर सिर्फ ताली बजाना है

चंडीगढ़, 20 जून 2024

केन्द्र सरकार द्वारा इस साल खरीफ फसलों की एमएसपी में मामूली वृद्धि किए जाने पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि भाजपा किसान हितैषी होने का ड्रामा कर रही है। पार्टी ने कहा कि अगर भाजपा को सच में देश के किसानों की चिंता है तो वह किसानों की मांग के अनुसार एमएसपी गारंटी कानून बनाए।

वीरवार को पार्टी मुख्यालय चंडीगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए आप प्रवक्ता हरसुखिंदर सिंह बब्बी बादल ने कहा कि पिछले कई सालों में कृषि की लागत करीब 70 प्रतिशत बढ़ गई है और मोदी सरकार एमएसपी में मात्र 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर खुद से अपनी पीठ थपथपा रही है।

उन्होंने कहा कि खुद मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि 83 प्रतिशत फसलें एमएसपी से कम कीमतों पर बिकती है। मात्र 13 प्रतिशत फसल की ही एमएसपी पर खरीद की जाती है। कई राज्यों में तो फसलों की एमएसपी पर खरीद ही नहीं हो पाती। इसलिए एमएसपी पर यह वृद्धि ‘टू लिटिल और टू लेट’ है।

उन्होंने कहा कि किसानों को अभी आर्थिक संकट से निकालने के लिए एमएसपी पर मामूली वृद्धि की जरूरत नहीं है। देश का किसान तभी खुशहाल हो सकता है जब उसे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार ”C2 + 50%” के हिसाब से फसलों की कीमत अदा दी जाएगी। इसके अलावा फसल विविधीकरण के लिए किसानों को अलग से आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाए।

उन्होंने कहा कि फसलों की कीमत और कृषि से संबंधित नीतियां किसान संगठनों के सुझाव द्वारा तैयार की जाए। जब सरकार इंडस्ट्री के लिए कोई पॉलिसी लाती है तो अंबानी-अडानी और अन्य उद्योगपतियों के साथ राय-मशविरा करती है, फिर कृषि पर कोई नीति बनाने से पहले किसानों के साथ चर्चा क्यों नहीं की जाती?

दरअसल भाजपा सरकार किसानों का विकास चाहती ही नहीं है। वह सिर्फ अपने कुछ करीबी पूंजीपतियों का विकास चाहती है। वह किसानों के मेहनत का फल अपने पूंजीपति मित्रों को देना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही किसान विरोधी और पूंजीपति समर्थक रही है। यह उसकी हर नीतियों में स्पष्ट तौर पर झलकता है।

उन्होंने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव के समय भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन आज किसानों की आय दुगनी होने की बजाय उनकी आत्महत्या दोगुनी हो गई और कृषि की लागत दोगुनी हो गई। पेट्रोल-डीजल और अन्य कृषि सामग्रियों की की कीमत दोगुनी हो गई। भाजपा को इस पर जवाब देना चाहिए।

बब्बी बादल ने पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ पर हमला बोला और कहा कि पीएम मोदी और सुनील जाखड़ की जोड़ी गप्पी और पप्पी की जोड़ी है। मोदी सरकार तानाशाही कानून बनाती है और सुनील जाखड़ उसपर ठप्पा(मुहर) लगाते हैं। जाखड़ का काम केंद्र सरकार के हर फैसले पर सिर्फ ताली बजाना है। भाजपा में जाने के बाद उन्होंने कभी भी पंजाब के किसानों के लिए कोई आवाज नहीं उठाई।

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