पंजाब पुलिस द्वारा सरहद पार से चलते एक और रैकेट का पर्दाफाश; गिरफ्तार किये 3 दोषियों में बीएसएफ का सिपाही शामिल

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पुलिस फरार हुए मुलजिम सत्ता की मस्कट से हवालगी लेने हेतु कर रही है कार्यवाही- डीजीपी
सत्ता की प्रॉपर्टी की गई है फ्रीज
चंडीगढ़, 2 अगस्तः
पंजाब पुलिस ने नशों के खिलाफ की जा रही सख्त कार्यवाही के हिस्से के तौर पर तरनतारन जिले में दो तस्करों समेत पाक सरहद पर तैनात एक बीएसएफ के सिपाही को गिरफ्तार करके पाक द्वारा समर्थन प्राप्त सरहद पार से चलते नशों और हथियारों की तस्करी के एक और रैकेट का पर्दाफाश किया है।
पुलिस मस्कट, ओमान से फरार हुए सरगना सतनाम सिंह उर्फ सत्ता की हवालगी लेने के लिए कार्यवाही कर रही है, जहाँ वह दो तस्करी के मामलों में भगौड़ा अपराधी घोषित किये जाने के बाद भाग गया था। डीजीपी श्री दिनकर गुप्ता ने बताया कि उसने गुरमीत सिंह के नाम पर जारी किये गए जाली पासपोर्ट और आधार कार्ड का प्रयोग किया था। डीजीपी ने बताया कि मुलजिम के विरुद्ध पहले से ही तस्करी के पाँच केस दर्ज हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सत्ता की अनुचित साधनों से अर्जित जायदाद, जिसको उसने संधू कालोनी अमृतसर में अपने परिवार की रिश्तेदार मनिन्दर कौर के नाम पर नशों के पैसों से खरीदी थी, को जाम (फ्रीज) कर दिया गया है।
रैकेट का पर्दाफाश करने वाली जालंधर पुलिस (ग्रामीण) ने गिरफ्तार किये तीन मुलजिमों के पास से चीन के बने एक 0.30 बोर पिस्तौल समेत 5 जिंदा कारतूस और 24.50 लाख रुपए बरामद किये थे। डीजीपी ने बताया कि दोषियों की पहचान सुरमेल सिंह, गुरजंट सिंह और राजस्थान के गंगा नगर जिले में रावला मंडी के निवासी बीएसएफ सिपाही राजिन्दर प्रसाद के तौर पर हुई है।
इस सम्बन्धी अधिक जानकारी देते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि जालंधर ग्रामीण पुलिस ने 26 जुलाई को सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया था जो दिल्ली से वरना कार में आ रहे थे। तलाशी के दौरान पुलिस ने उनकी कार में से 25 ग्राम हेरोइन बरामद की। पूछताछ करने पर दोनों ने अपनी पहचान सुरमेल सिंह और गुरजंट सिंह के तौर पर बताई। और पूछताछ के बाद पुलिस ने सुरमेल के पास से .30 बोर पिस्तौल समेत 5 जिंदा कारतूस और 35 ग्राम हेरोइन बरामद की।
आगे की जांच के दौरान दोनों मुलजिमों ने यह भी खुलासा किया कि वह तरन तारन जिले के गाँव नारली के रहने वाले सरहद पार के तस्कर सतनाम सिंह उर्फ सत्ता के साथ काम करते थे, जोकि हेरोइन और हथियारों की तस्करी के लिए पाक आधारित तस्करों के साथ नज़दीकी रूप से जुड़ा हुआ था। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि बीएसएफ का सिपाही राजेंद्र प्रसाद भी तस्करी रैकेट का हिस्सा था। बीएसएफ कांस्टेबल तरन तारन जिले के गाँव छीना में एक सरहदी चौकी में तैनात था।
डीजीपी ने कहा कि उन्होंने बीएसएफ और राजस्थान में अपने हमरुतबा, डीजीपी बीएसएफ और डीजीपी राजस्थान के साथ संपर्क किया और उक्त बीएसएफ सिपाही की गिरफ्तारी को यकीनी बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग भी लिया, जिसको 28 जुलाई को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जो कि रावला मंडी स्थित अपने आवास पर अपनी छुट्टी काट कर रहा था।
और पूछताछ के दौरान, राजेन्द्र ने बताया कि उसको सतनाम सिंह उर्फ सत्ता द्वारा नशा तस्करी के रैकेट में भर्ती किया गया था, जिसने अपने बॉर्डर पोस्ट के द्वारा हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में मदद के बदले उसको पैसे देने का वादा किया था। फिर उसने मई में 17 किलोग्राम हेरोइन और 2 विदेशी पिस्तौल प्राप्त करने में गिरोह की मदद की।
इस बार फिर सतनाम सिंह ने राजेंद्र प्रसाद, सुरमेल सिंह और गुरजंट सिंह के साथ मिलकर अपने पाक आधारित हैंडलरों से हेरोइन और हथियारों की एक और खेप लेनी थी। सतनाम सिंह उर्फ सत्ता ने इस खेप की रसीद और प्रबंधन के लिए राजेंद्र प्रसाद को 5 लाख रुपए और एक मोबाइल फोन पहले दिया था।
डीजीपी ने बताया कि 24.5 लाख रुपए में से 15 लाख रुपए सतनाम सिंह के आवास से, 5 लाख रुपए बीएसएफ के कांस्टेबल से और 4.5 लाख रुपए गुरजंट सिंह के पास से बरामद किये गए हैं।

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