शिरोमणी अकाली दल ने कांग्रेस तथा आप के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर सभी हलकों में धरना दिया
शिरोमणी अकाली दल किसान समुदाय को धोखा देने के लिए आप को सबक सिखाएगा
चंडीगढ़/05अप्रैल , 2021
शिरोमणी अकाली दल ने आज किसानों के हितों को धोखा देने के खिलाफ राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा केंद्र के साथ खेले जा रहे तय मैच के विरोध में रोष प्रदर्शन किया ,साथ ही कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की स्थायी कमेटी में आवश्यक वस्तु संशोधन को अपनी मंजूरी देकर विश्वासघात किया गया है।
धरना प्रदर्शन में हजारों लोगों का बठिंडा में धरने का नेतृत्व कर रही पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ राज्य भर में शिरोमणी अकाली दल के समर्थन में सड़कों पर उतर आए तथा पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने मजीठा में विशाल धरने का नेतृत्व किया । इसी तरह शिरोमणी अकाली दल के नेताओं ने कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी दोनों को बेनकाब करने के लिए राज्य भर में धरना प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शनों में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि किस तरह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्र सरकार के साथ तय मैच खेल रहे हैं तथा सिर्फ किसानों के समर्थन में होने का दिखावा कर रहे हैं। उन्होने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मुख्यमंत्री उस कमेटी का हिस्सा थे जिसने तीनों खेती कानूनों को अंतिम रूप दयिा था तथा कैसे उन्होने पहले भी एपीएमसी अधिनियम में संशोधन किया था ताकि खेती अधिनियमों को उन प्रावधानों में शामिल किया जा सके जिनके खिलाफ किसान अब विरोध कर रहे हैं। उन्होने यह भी बताया कि किस तरह मुख्यमंत्री ने डीबीटी स्कीम योजना पर सहमति जताते हुए किसानों के हितों को बेच दिया था जिसका उददेश्य किसान समुदाय को हानि पहुंचाने के अलावा आढ़तियों को दरकिनार करना था।
धरनों में आम आदमी पार्टी के कन्वीनर तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दोहरे मापदंडो पर भी प्रकाश डाला गया, जिन्होने कहा कुछ तथा हमेशा किसानों के हितों के खिलाफ काम किया है। ‘ उन्होने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे केजरीवाल ने सबसे पहले तीन खेती कानूनों को अधिसूचित किया था तथा कैसे उनकी सरकार ने जनवरी में दिल्ली में झूठे आरोपों के तहत जेल में रखे गए सिख नौजवानों को समर्थन देने से इंकार कर दिया था। उन्होने खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की स्थायी समिति में आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम को अपनी सहमति देने के लिए काॅरपोरेट घरानों के साथ सौदा करके किसान समुदाय की पीठ में किस तरह छूरा घोंपा है। उन्होने कहा कि भगवंत मान समिति की रिपोर्ट के बाद अब भी किसानों को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से यह उल्लेख किया गया था कि उन्होने संशोधित आवश्यक वस्तु अधिनियम को अपनी सहमति दे दी है।
धरनों में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि किस तरह कांग्रेस सरकार ने पंजाब के परेशान लोगों खासकर किसानों, व्यापारियों, गरीबों , दलितों , कर्मचारियों तथा बेरोजगारी नौजवानों की रीढ़ की हडडी तोड़कर रख दी है। घरेलू बिजली टैरिफ में 5 रूपये से दस रूपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी, डीजल तथा पेट्रोल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी , दलित छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति से वंचित करने तथा किसानों को सीधे भुगतान पर किसानों के खिलाफ अमरिंदर-भाजपा की मिलीभगत पर प्रकाश डाला ताकि किसानों को तीनों खेती कानूनों के खिलाफ उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए दंडित किया जा सके।