शिरोमणी अकाली दल ने  मुख्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा को उनके सरकारी निजी असिस्टेंट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद बर्खास्त करने की मांग की

 

कहा कि उनके कार्यालय की भ्रष्ट गतिविधियों के लिए उन्हे दोषमुक्त नही किया जाना चाहिएडाॅदलजीत सिंह चीमा

 

चंडीगढ़/22मई: शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को अपने सरकारी निजी असिस्टेंट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद मांग की कि मंत्री को अपने कार्यालय की भ्रष्ट गतिविधियों के लिए दोषमुक्त नही किया जाना चाहिए।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल के प्रवक्ता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सुखजिंदर सिंह रंधावा के निजी सहायक की संलिप्तता जिसमें 74 लाख रूपये की चीनी की डिलीवरी से जुड़े एक धोखाधड़ी के मामले में जिसमें केवल 57 लाख की पेमंट की गई थी ,पहले ही सामने आ चुकी है।‘ यहां तक कि मामले की सुनवाई करते हुए  उच्च न्यायालय ने कल मामले की सुनवाई करते हुए राज्य जांच ब्यूरों की एक एसआईटी गठित करने के लिए कहा ताकि यह जांच की जा सके कि आरोपी इस मामले में कैसे शामिल थे तथा बार बार धोखाधड़ी कैसे की गई’। हाईकोर्ट ने सरकार को यह भी बताने के लिए कहा है कि ठगी के इस मामले के पीछे मास्टरमाइंड बताए जाने वाले मंत्री के पीए को अब तक गिरफ्तार क्यों नही किया गया है।

डाॅ. चीमा ने कहा  कि सरकार लोगों से इस सच्चाई को छिपा रही है। उन्होने कहा कि धोखाधड़ी का मामला सामने आया है तथा यह कि श्री सुखजिंदर रंधावा के निजी असिंस्टेंट कार्यालय का इस्तेमाल इस तरहे के सौदे करने के लिए करता था’। उन्होने कहा कि इसके बावजूद सरकार इस मामले में धीमी गति से चल रही है तथा पी.ए को गिरफ्तार नही किया गया है। ‘ यह स्पष्ट है कि मंत्री अपने निजी असिंस्टेंट का सरंक्षण कर रहे  हैं   ताकि  सबूतों से उनकी संलिप्तता सिद्ध न हो जाए’।

इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष  जांच की जरूरत बताते हुए अकाली नेता ने कहा कि जब तक कि श्री सुखजिंदर रंधावा अपनी कुर्सी पर बने रहते हैं , तब तक यह संभव नही है। उन्होने कहा कि श्री रंधावा को मंत्रालय से हटाने की जरूरत है ताकि जांच सुनिश्चित की जा सके। हालांकि मामले की जांच के लिए एक एसआईी का गठन किया जाएगा, लेकिन उनके गलत कार्यों के सबूत मिलने पर पुलिस फोर्स से आगे बढ़कर केस की सही जांच की उम्मीद नही की जा सकती। डाॅ. चीमा ने कहा कि यही कारण है कि पहले श्री रंधावा को मंत्रालय से बर्खास्त किया जाए और फिर पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए।

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