कृषि मंत्री के इस दावे पर हैरानी व्यक्त की कि तीनों खेती कानून किसानों के हित में थे
चंडीगढ़/09जून 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से कहा है कि किसानों की मांगों को रदद करके उनके जख्मों पर नमक छिड़कने के बजाय यह समझने की कोशिश करें कि किसान बार बार तीनों खेती कानूनों को लागू करने की बार बार अपील क्यों कर रहे हैं।
तीनों खेती कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का दर्द और पीड़ा के प्रति एनडीए सरकार को संवेदनशील बनने के लिए कहते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि ‘ यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि एनडीए सरकार किसानों को यह कह रही है कि लोकतंत्र में चर्चा के लिए कोई जगह नही है’। उन्होने कहा कि यह उतना ही अधिक चैंकाने वाला है कि तीनों काले कानूनों को वापिस लेने के बारे में कोई चर्चा करने से इंकार करने के अलावा श्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि खेती कानून किसानों के हित में हैं। ‘ ऐसा लगता है कि एनडीए सरकार कारपोरेट घरानों के साथ मिलीभगत कर अनाज की न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को समाप्त करना चाहती है । उन्होेन कहा कि संयुक्त किसान मोर्चें के साथ बातचीत का खारिज करने का अन्य कोई कारण नही हो सकता।
सरदार बादल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत करने के बावजूद खेती कानून के नुकसानों को अभी तक महसूस ही नही किया है। ‘ इससे यह पता लगता है कि वे किसानों से किसी भी कीमत पर बातचीत करने से इंकार कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार ने शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने के लिए सरकार सब कुछ कर रही है तथा सिंघू तथा टिकरी बार्डर विरोध प्रदर्शन को वहां से हटाने की कोशिश कर रही है।
सरदार बादल ने कहा कि आंदोलन करने वाले किसान तीनों खेती कानूनों को निरस्त करने के अलावा अन्य मुददों पर बातचीत नही कर सकते। किसानों ने केंद्र से पहले ही स्पष्ट कर दिया कि किसानों द्वारा उन सभी मांगों को खारिज कर दिया जाएगा, जो उनकी मुख्य मांग तीनों खेती कानूनो को रदद करने के अलावा जिसका मकसद उनके आंदोलन को अस्थिर करना है। मैं श्री नरेंद्र तोमर से अपील करता हूं कि वे आंदोलन करने वाले किसानों के साथ बिना शर्त बातचीत करें तथा किसान समुदाय के हित में उनकी मांगों को स्वीकार करें।