‘आप’ बिजली संकट के मुद्दे पर भगवंत मान की अध्यक्षता में 3 जुलाई को कैप्टन के सिसवां फार्म हाऊस का करेगी घेराव- मीत हेयर

MEET HAYER
Raja Warring himself admits that transport mafia is rampant in state: Meet Hayer

पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज नहीं अब बिजली कटों के विरुद्ध लोगों को लगाने पड़ रहे हैं धरने- मीत हेयर
किल्लत और महंगी बिजली के लिए बादलों द्वारा निजी थर्मलों के साथ किए घातक समझौते जिम्मेवार
‘आप ’ ने बादलों की तरह कैप्टन सरकार पर भी लगाए दलाली के दोष
चंडीगढ़, 1 जुलाई 2021
पंजाब में धान के सीजन और भीषण गर्मी के बावजूद कृषि क्षेत्र और घरेलू क्षेत्र में लग रहे लंबे और अघोषित बिजली कट के कारण लोग भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, परन्तु मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के लोगों को लावारिस छोड़ कर अपने शाही फार्म हाऊस में आनंद मान रहे हैं। लोगों और किसानों की हाहाकार कैप्टन अमरिंदर सिंह के कानों तक पहुंचाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष भगवंत मान की अध्यक्षता में 3 जुलाई को कैप्टन के सिसवां फार्म हाऊस का घेराव किया जायेगा। यह ऐलान वीरवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर में आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक और यूथ विंग के सूबा प्रधान गुरमीत सिंह मीत हेयर ने प्रेस कान्फ्रैंस के दौरान किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मांग करती है कि पंजाब के लोगों और किसान समेत हर वर्ग को निर्विघ्न और सस्ती बिजली उपलब्ध करवाई जाए। इस मौके उनके साथ पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग भी उपस्थित थे।
विधायक मीत हेयर ने कहा, ‘‘ पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है आज किसान, बेरोजगार, मुलाजिमों समेत सभी वर्ग पंजाब और केंद्र सरकार के विरुद्ध धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तो बिजली लेने के लिए भी धरने लगाने पड़ रहे हैं। बिजली की सप्लाई न मिलने के कारण जहां खेती का काम प्रभावित हो रहा है, वहीं भीषण गर्मी में बिना बिजली लोगों को अपने घरों में रहना कठिन हो गया है।’’ उन्होंने दोष लगाया कि बेहद महंगी बिजली का सबसे बड़ा कारण बादल सरकार की ओर से प्राईवेट थर्मल प्लांट के साथ किये गए गलत समझौता और मौजूदा कांग्रेस सरकार की ओर से समझौता रद्द न किये जाना है। हेयर ने दोष लगाया कि बादलों की तरह कैप्टन सरकार भी बिजली कंपनियों से दलाली खाने लगी है।
मीत हेयर ने बादलों द्वारा किये गलत बिजली समझौतों के बारे में खुलासा करते बताया कि समझौते में लिखा है कि यदि कोई भी प्राईवेट थर्मल प्लांट साल के 365 दिनों में से 91 दिन बंद रखे जाते हैं तो सरकार थर्मल प्रबंधकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर सकती। इसी कारण ही अब जब बिजली की सबसे अधिक मांग है तो प्राईवेट थर्मल प्लांट अपनी मर्जी के साथ ही बिजली मुहैया करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि थर्मल प्लांट साल में से 73 दिन लगातार भी थर्मल प्लांट बंद रखते हैं तो सरकार की तरफ से थर्मल प्रबंधकों को निर्धारित किया फिक्स चार्ज देना पड़ेगा। अब तक सरकार ने प्राईवेट थर्मल प्लांटों को फिक्स चार्ज के तौर पर 20,000 करोड़ रुपए के दिए हैं, जिनमें से 5900 करोड़ रुपए बिजली का प्रयोग न करने के बावजूद दिए गए हैं।
आप नेता ने बताया कि अब जब धान के सीजन में किसानों को बिजली की सबसे ज़्यादा जरूरत है तो तलवंडी साबो प्राईवेट थर्मल प्लांट के दोनों यूनिट बंद पड़े हैं, इस प्लांट का 660 मेगावाट का पहला यूनिट 8 मार्च को बंद कर दिया था, जब कि दूसरा यूनिट 25 जून को बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब में बिजली प्राप्ति के लिए 97 प्रतिशत निर्भरता प्राईवेट थर्मल प्लांटों पर है, केवल 3 प्रतिशत ही बिजली सरकारी प्लांटों से प्राप्त की जा रही है, परन्तु इस 3 प्रतिशत बिजली के लिए भी सरकारी थर्मल प्लांट प्राईवेट थर्मल प्लांटों की अपेक्षा कहीं अधिक कारगर सिद्ध हो रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बादलों और प्राईवेट कंपनियों के साथ मिलीभगत करने के दोष लगाते मीत हेयर ने कहा कि वायदा करने के बावजूद अभी तक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गलत बिजली समझौते रद्द करने की ओर कोई क़दम नहीं बढ़ाया है। एक सवाल के जवाब में मीत हेयर ने स्पष्ट किया कि ‘आप’ सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल की तरफ से 300 यूनिट प्रति महीना मुफ़्त बिजली का मतलब पंजाब में 600 यूनिट बनता है क्योंकि पंजाब में हर दो महीनों के बाद बिजली का बिल आता है। मीत हेयर ने यह भी दावा किया कि आप की सरकार बनने पर बिजली खरीद समझौते रद्द या नए सिरे से किये जाने के साथ-साथ बिजली सस्ती हो जाएगी, जिस का लाभ व्यापारियों, कारोबारियों और उद्योगपतियों को मिलेगा।

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