किसानों की जायज़ ज़रूरतें पहल के आधार पर हल करने की उम्मीद
चंडीगढ़, 7 जुलाई,2021-
पंजाब के सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि से अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने के फ़ैसले को देरी से उठाया गया फ़ैसला करार देते हुए कहा कि हालांकि यह बढ़िया कदम है परन्तु इसका असली फ़ायदा तभी है यदि सहकारिता लहर को मज़बूत करने के लिए किसान समर्थकीय कदम उठाए जाएँ।
उन्होंने अपील की कि किसानों की वाजिब ज़रूरतों और ग्रामीण क्षेत्र के हर वर्ग की स्थानीय ज़रूरतों को पूरा करते हुए ज़मीनी स्तर पर सहकारी संस्थाओं को मज़बूत करने के लिए कदम उठाए जाएँ।
आज यहाँ जारी प्रैस बयान में स. रंधावा ने कहा कि सहकारी संस्थानों के मामलों को प्राथमिकता देने की ज़रूरत है क्योंकि यह विभाग कर्ज़े और उत्पादों के कम मूल्य के कारण आर्थिक संकट से घिरे छोटे और मध्यम किसानों का भाग्य बदलने में समर्थ है। किसानों को संकट से निकालने के लिए नये बने सहकारिता मंत्रालय को सक्रियता के साथ काम करते हुए राज्यों की ज़रूरतों के अनुसार कदम उठाने की ज़रूरत है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि अगर नया बना केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय सही कदम उठाए तो बहुतायत में रहती ग्रामीण जनसंख्या की आर्थिक दशा सुधारी जा सकती है और आम लोगों व अमीरों के बीच के अंतर को दूर किया जा सकता है जिससे सामाजिक तनाव भी दूर होगा जो अमीर और गरीब के बीच अंतर के कारण पैदा होता है। इसके अलावा यह शहरी और ग्रामीण विभाजन को पाटने का भी काम करेगा।
पंजाब के किसानों द्वारा साठ के दशक में अपनी कड़ी मेहनत से लाई गई हरित क्रांति और फिर श्वेत क्रांति लाने में दिए गए योगदान को याद करते हुए स. रंधावा ने इसमें सहकारिता लहर द्वारा दिए गए योगदान को भी उभारा। उन्होंने कहा कि इस मौके पर नये बनाए गए सहकारिता मंत्रालय की भूमिका और भी अहम हो जाती है कि वह सहकारी सोसायटियों को मज़बूत करने के लिए नये और कारगर कदम उठाए जिनके ज़रिये गाँवों में किसानों को उच्च मानक के बीज, खाद, कृषि मशीनरी, थोड़े समय के कर्ज़े और सहायक धंधों जैसे कि डेयरी, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, सूअर पालन आदि के लिए छोटे किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया करवाई जाती है। उन्होंने केंद्रीय मंत्रालय से अपील की कि वह कृषि उत्पादों के मंडीकरण में सुधार और मूल्य बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करे जिससे छोटे किसानों की आय बढ़ाई जा सके।
स. रंधावा ने कहा कि पंजाब में सहकारिता का मॉडल जांचा-परखा है जिसको और किसान समर्थकीय बनाने के लिए समय की ज़रूरत मुताबिक और मज़बूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब में सहकारिता विभाग द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों का ज़िक्र किया जिनमें सहकारी बैंकों और सोसायटियों का कम्प्यूटरीकरण शामिल है और इस दिशा में और भी कदम उठाने की ज़रूरत है जिसके लिए खुले दिल से फंड की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र को मौजूदा सहकारी संस्थाओं जिनमें मार्कफैड, मिल्कफैड, शूगरफैड, पंजाब राज्य सहकारी बैंक और पंजाब कृषि विकास बैंक शामिल हैं, को और वित्तीय सहायता मुहैया करवाने की ज़रूरत है जिससे सहकारिता लहर को और अधिक मज़बूत किया जा सके।