पंजाब यूनिवर्सिटी के भगवेकरन और खात्मे के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल जिम्मेदार-हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA
एससी, एसटी और गरीब  तबकों  के लिए आम बजट बेहद निराशाजनक: हरपाल सिंह चीमा

पंजाब की विरासत को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी करेगी हर तरह का संघर्ष
संशोधन के नाम पर पंजाब यूनिवर्सिटी की आजाद हस्ती और लोकतंत्रीय प्रणाली को खत्म किया जा रहा- मलविन्दर सिंह कंग
चंडीगढ़, 12 जुलाई 2021
‘पंजाब की विरासत और विश्व प्रसिद्ध ‘पंजाब यूनिवर्सिटी’ चंडीगढ़ के भगवेकरन और खात्मे के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल प्रमुख तौर पर जिम्मेदार हैं।’ यह ब्यान आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने देते कहा प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की ओर से पंजाब यूनिवर्सिटी के लोकतंत्रीय ढांचे को खत्म करने की चली जा रही भद्दी चालों का आम आदमी पार्टी डट कर विरोध करती है और पंजाब की विरासत को बचाने के लिए पार्टी की ओर से हर तरह का संघर्ष किया जायेगा। इस समय आप के नौजवान नेता दिनेश चड्ढा भी उपस्थित थे।
सोमवार को पार्टी दफ्तर में पत्रकारों से बातचीत करते हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पंजाब यूनिवर्सिटी देश की पुरानी और विरासती यूनिवर्सिटियों में से एक है। जिस की स्थापना 1882 में लाहौर में हुई थी और यह पंजाब की विरासत है। चीमा ने कहा कि नरिन्दर मोदी सरकार पंजाब की इस विरासत को छीनने में लगी हुई है। इसी लिए यूनिवर्सिटी में पंजाब और पंजाबी विरोधी व्यक्ति को उप चांसलर लगाया गया है, जिस ने यूनिवर्सिटी की लोकतंत्रीय संस्थाओं सैनेट और सिंडिकेट को खत्म करने के कदम उठाए हैं। उन्होंने दोष लगाया कि मौजूदा उप चांसलर ने लंबे समय से सैनेट और सिंडिकेट के चुनाव नहीं करवाए और यूनिवर्सिटी से सम्बन्धित फैसले अपने स्तर पर नरिन्दर मोदी सरकार के निर्देशों पर किये जा रहे हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब बटवारे के बाद सूबे की राजधानी के तौर पर बसाए शहर चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी का पक्का कैंपस बनाया गया था और यह व्यवस्था की गई थी जब हरियाणा राज्य के कालेज वहां से यूनिवर्सिटियों के साथ जुड़ जाएंगे तो पंजाब सूबा पंजाब यूनिवर्सिटी का मालिकाना हक प्राप्त कर लेगा। चीमा ने दोष लगाया पंजाब की सत्ता पर काबिज़ रही अकाली दल बादल और कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने पंजाब यूनिवर्सिटी को पंजाब के हवाले करने के लिए केंद्र सरकार से कभी भी दावा पेश ही नहीं किया, जिस के लिए प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्य तौर पर कसूरवार हैं।’
इस समय पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रधान और आम आदमी पार्टी के नौजवान नेता मलविन्दर सिंह कंग ने कहा नरिन्दर मोदी सरकार और उप चांसलर की तरफ से संशोधन के नाम पर पंजाब यूनिवर्सिटी की आजाद हस्ती और लोकतंत्रीय प्रणाली को ख़त्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के चांसलर के पास यूनिवर्सिटी सम्बन्धित फैसले लेने का कोई हक नहीं है, बल्कि यह हक सैनेट और सिंडिकेट के पास है। यूनिवर्सिटी को दिए जाते फंड बढ़ाने की मांग करते कंग ने कहा कि यूनिवर्सिटी को पैसे देना केंद्र और पंजाब सरकारों की जिम्मेदारी है, परन्तु दोनों सरकारें जिम्मेवारियों से भाग रही हैं।

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