बीती शाम यहां पंजाब भवन में पूर्व डिप्टी डायरैक्टर स्वर्गीय अशोक बांसल के 72वें जन्मदिन के मौके पर उनके द्वारा लिखी हिंदी पुस्तक ‘यादों का सरमाया’ को विमोचन करते हुये श्री महिंद्रा ने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र से सम्बन्धित पेशेवरों के पास ज़मीनी स्तर पर लोगों के साथ संबंध बनाने का अच्छा तजुर्बा और महारत होती है, इसके इलावा वह अक्सर ज़िंदगी की तलख़ सच्चाइयों और वास्तविक स्थितियों के साथ नज़दीकी से रूबरू होते रहते हैं, जिनको कविताओं या किस्सों के रूप में स्पष्ट तौर पर प्रकट किया जा सकता है।
अशोक बांसल की पत्नी श्रीमती योगसृष्टा बांसल को उनकी बेटियाँ प्रियंका और अंकिता के साथ अपने पति की कवितायों के संग्रह को पुस्तक के रुप में प्रकाशित करने की इस विलक्षण पहलकदमी के लिए बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि अशोक बांसल को उनके जज़बातों की रचनात्मक अभिव्यक्ति और लोक संपर्क विभाग में तीन दशकों के लंबे कार्यकाल के दौरान जीवन भर के तजुर्बो के लिए हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि ऐसी साहित्यक गतिविधियां दूसरों को भी उनके सेवा-काल के दौरान ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगी।
मंत्री ने राज्य सरकार की नीतियों और प्रोग्रामों को लोगों तक पहुंचाने के लिए लोक संपर्क विभाग के शानदार योगदान की सराहना की और विभिन्न साहित्यक कामों में सहृदय योगदान देने के लिए भी विभाग के अधिकारियों की पीठ थपथपाई।
इस दौरान अशोक बांसल के तजुर्बेकार सहकर्मियों और कुछ अन्य अधिकारियों, जो अभी भी विभाग में सेवा निभा रहे हैं, ने उनके साथ गुजारे सुनहरी पलों को ‘प्यारी यादों’ के तौर पर साझा किया।
बाद में उनकी बेटी अंकिता ने परिवार की तरफ से धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया और पूर्व डिप्टी डायरैक्टर डा. उमा शर्मा ने समागम की कार्यवाही का संचालन किया।
समारोह में लोक संपर्क विभाग के अतिरिक्त सचिव डा. सेनू दुग्गल, मुख्यमंत्री के उप-प्रमुख सचिव गुरिन्दर सिंह सोढी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त डायरैक्टर (प्रैस) डा. उपिन्दर सिंह लांबा, डा. अजीत कंवल सिंह, रणदीप सिंह आहलूवालीया (दोनों ज्वाइंट डायरैक्टर), राज्यपाल के डिप्टी डायरैक्टर (लोक संपर्क) शिखा नेहरा, स्थानीय निकाय मंत्री की सचिव राजेश कुमारी, लोक संपर्क अधिकारी करन मेहता और कुलतार मियांपुरी शामिल थे।
इस समागम में पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टरों डा. मेघा सिंह शेरगिल्ल और साधु सिंह बराड़ के इलावा पूर्व ए.पी.आर.ओ. प्रेम विज, पंजाब यूनिवर्सिटी के लोक संपर्क विभाग के पूर्व डायरैक्टर संजीव तिवारी और 6वें वित्त आयोग के चेयरमैन के ओएसडी सुनील जंड भी मौजूद थे।